गुजरात में ज़हरीली शराब से 28 की मौत, आम आदमी पार्टी ने उठाए बीजेपी पर सवाल

in #gujarat2 years ago

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गुजरात के बोटाड ज़िले में ज़हरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो गई है और 40 से ज़्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. इन लोगों का इलाज भावनगर, बोटाड और अहमदाबाद में चल रहा है.

पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है, इसमें एक शराब बनाने वाला और एक शराब बेचने वाला शामिल है.

गुजरात में शराब पर रोक हैं, और इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी बीजेपी पर सवाल उठा रही है. पार्टी इसे दिल्ली सरकारी की शराब बेचने की नीतियों पर उठ रहे सवाल से भी जोड़ रही है.

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरक्ष भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाए कि शराब का नेटवर्क नेताओं के संरक्षण में चल रहा है.

उन्होंने कहा, “गुजरात ड्राई स्टेट हैं फिर भी पिछले 15 सालों में 845 से ज़्यादा लोग ज़हरीली शराब पीकर मर गए. इतना बड़ा संगठित नेटवर्क किन राजनेताओं के संरक्षण में चल रहा है?

उन्होंने कहा, “ कुछ लोग चाहते हैं गुजरात की तरह दिल्ली में भी नक़ली और ज़हरीली शराब का कारोबार चले. जब से दिल्ली सरकार नई एक्सआइज़ पॉलिसी लाई है, ये लोग बहुत परेशान हैं.”

ये वैध दुकानें हटाकर वही पुराना धंधा शुरू करना चाहते हैं. दिल्ली में 468 शराब की दुकाने हैं, ये पहले से कम है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात दौरे पर हैं.

दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के ख़िलाफ़ उप-राज्यपाल विनय सक्सेना की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बचाव किया है.

उप-राज्यपाल ने दिल्ली सरकार की 2021-22 आबकारी नीति के नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की जांच की सिफ़ारिश करते हुए मनीष सिसोदिया को कटघरे में खड़ा किया है.

उप राज्यपाल विनय सक्सेना सीबीआई ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की सीबीआई जांच कराने की सिफ़ारिश करने से मुख्य सचिव की रिपोर्ट का हवाला दिया है.

इस रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने दिल्ली में आबकारी विभाग के इंचार्ज मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया है. उनके मुताबिक़ मनीष सिसोदिया ने शराब माफ़िया को फायदा पहुंचाने का काम किया है.

इससे सरकारी खजाने को भारी नुक़सान हुआ है. रिपोर्ट में शराब उत्पादन, होलसेलर और बिक्री से जुड़ा काम कथित तौर पर एक ही व्यक्ति को दिए जाने पर सवाल उठाया गया है.

कहा जा रहा है कि यह एक्साइज पॉलिसी का सीधे तौर पर उल्लंघन है. इसके साथ ही पॉलिसी की कई खामियां भी गिनाई गई हैं. एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किए जाने को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सवाल उठाए गए हैं.