दूसरी आज़ादी लाई GST पहले, पराठा अब आटा, हीरे पर कम, स्याही पर ज़्यादा...

in #gst2 years ago

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जीसएटी पर बहस हो रही है, क्या यह बहस विपक्ष के बीच हो रही है या जनता भी तरह-तरह के टैक्स से त्रस्त महंगाई और जीएसटी पर बहस कर रही है? वह जनता कहां चली गई जो महंगाई से परेशान हुआ करती थी. उसकी इस परेशानी को लेकर फिल्में बना करती थीं. गाने लिखे जाते थे.सीरियल बना करते थे. 2008 में जब आर्थिक मंदी आई थी, उस वक्त एक फिल्म आई थी, फंस गए रे ओबामा. 2010 में पीपली लाइव आई जिसका एक गाना बहुत मशहूर हुआ, महंगाई डायन खाए जात हैं. उस समय महंगाई को लेकर आंदोलन हो रहे थे, आंदोलन में लोग पहुंच रहे थे, इसके गाने को बजा रहे थे. महंगाई इतनी लोकप्रिय हो गई कि पिपली लाइव के बाद 2013 में एक और फिल्म आती है सारे जहां से महंगा. आज वैसे भी विश्व श्रोता दिवस है, तो आप साथ देंगे तो आपको काफी कुछ सुनाई देगा. केवल गाना ही नहीं, डायलॉग भी और इसी के सहारे जीएसटी का ऐसा विश्लेषण करेंगे कि आप यू ट्यूब में जाकर दस बार देखेंगे.

यूट्यूब पर बहुत से लोग लाइव देख भी रहे हैं. सारे जहां से महंगा. दिलचस्प नाम है. निर्देशक अंशुल शर्मा की फिल्म है और अभिनय संजय मिश्रा और अन्य कलाकारों का. इस फिल्म को देखते ही लगता है कि आप फिल्म देखने नहीं बल्कि महंगाई के खिलाफ किसी प्रदर्शन में गए हैं. बल्कि महंगाई को लेकर जो उस समय बोला जा रहा था, वैसे ही डायलाग इस फिल्म में हैं. पता चलता है कि उस वक्त महंगाई को लेकर समाज और सिनेमा किस तरह से बातें किया करते थे. फिल्म का शुरूआत हिस्सा महंगाई की बात से आगे बढ़ता है. ध्यान से सुनिएगा, आपका काफी कुछ याद आने वाला है. “जानते हो देश में क्यों खाना पीना इतना महंगा हो गया है, क्योंकि हमें महंगी चीज़ें बेच कर सारा पैसा विदेशों में जमा हो रहा है. देश में पैसा नहीं है बिल्कुल भी, पता है हमारा कितना पैसा स्विस बैंक में जमा है, 280 लाख करोड़.280 के बाद कितनी बिंदियां लगीहैं, ये तो अंडे की दुकान लगा रखी है, ये सारा पैसा हमारा पैसा है, हमने ही तो इन्हें पैसे दिए हैं.काला धन है. अभी तो कह रहे थे कि हमारा पैसा है, हमारा नहीं है इसलिए तो काला है, हमसे तो ले लिया न.जानते हो अगरये सारा पैसा हमारे देश में वापस आ जाए तो देश के हर आदमी को 4 लाख मिल सकते हैं, जी हां हर आदमी को चार लाख और और औरतों को 10 रुपये. “

हुआ भी यही दस रुपये भी नहीं मिले, काला धन कितना आया किसी को बता नहीं, पर क्या यह संयोग नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के कहने से पहले फिल्म के ज़रिए यह बात घर घऱ में पहुंच गई थी कि काला धन आएगा तो हर आदमी के खाते में पैसे आएंगे.