बाढ़ की मार से दर्जनों गांव प्रभावित, फसलें नदी में बह गईं
बरेली 15 सितम्बरः(डेस्क)उत्तराखंड के गोला बैराज से हाल ही में छोड़े गए पानी के कारण किच्छा नदी के किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। शुक्रवार की दोपहर को 75,834 क्यूसेक और शनिवार की दोपहर को 16,546 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इस बाढ़ के कारण बहेड़ी तहसील के दर्जनों गांवों, जैसे रतनपुर, नौडांडी, रजपुरा, रिछोली, सुकटिया, हरहरपुर, फाजलपुर, चाचेट, मौलाना फॉर्म, भाटिया फॉर्म, और मुड़िया मुकरमपुर में पानी भर गया है।
बाढ़ के कारण सड़कों पर पानी भर जाने से लोगों का आवागमन बाधित हो गया है, और खेतों में खड़ी फसलें, विशेषकर गन्ना और धान, जलमग्न हो गई हैं। इस स्थिति से किसान चिंतित हैं, क्योंकि उनके पशुओं का चारा भी पानी में डूब गया है। डूडा शुमाली गांव में बनी राइस मिल के अंदर तक पानी भर गया है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम और तहसीलदार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भेजा है। उन्होंने गांवों का जायजा लिया और स्थिति की गंभीरता को समझा। एसडीएम ने बताया कि अब नदी में पानी घटने लगा है और हालात अब खतरे से बाहर हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि नदी की तलहटी में बने घरों को खाली करवा दिया गया था ताकि किसी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदार भानू प्रताप ने शेरगढ़ क्षेत्र के गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और एसडीएम ने मेगा फूड पार्क तथा मुड़िया मुकरमपुर गांव का दौरा किया।
हालांकि, बाढ़ के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि उनकी फसलें और पशुओं का चारा जलमग्न हो गया है। प्रशासन ने राहत कार्यों की योजना बनाई है, जिसमें प्रभावित गांवों में खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण शामिल है।
अंत में, प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, जबकि राहत कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जलस्तर और घटेगा। किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।