विश्व की दूसरी बड़ी दीवाल 83 किमी लम्बी (द ग्रेट बॉल ऑफ़ इंडिया )

in #grate2 years ago

3878_1.jpgभारतीय इतिहास संघ के पुरतावेताओ की दस सदस्यी टीम ने11 बी सदी के अबशेषो को खोज निकला और बताया की गोरखपुर के गोड़वाना राजा मान सिंह के किले में सेकड़ो देविया मंदिर होगे जिनके अबशेष पड़े हुए हैं वहीँ 11 बी शताव्दी की चीन की दीवाल के बाद विश्व की दूसरीदीवाल हैं जो गोरखपुर से बाड़ी तक 83 किमी लम्बाई में हैं / जो जमीन से 10 -से 12 फिट ऊँची और 12 फिट चौड़ी हैं जो विशव कि सबसे बड़ी चीन की दीवाल के बाद दूसरी दीवाल हैं / लेकिन ऐसा माना जाता हैं की इस दीवाल को देखकर ही चीन की दीवाल का निर्माण हुआ है / यु तो रायसेन जिला पुरासम्पदाओ का अमूल्य खजाना हैं यहाँ पर साँची ,भोजपुर ,भीमबैठिका ,जैसी विश्व प्रसिद्द धरोहर हैं /लेकिन भारतीय इतिहास संकल्न समिति मध्यभारत के तत्वाधान में पुरातत्वविद डॉ नारायण व्यास की 10 सदस्यी टीम ने विंध्याचल पर्वत का दौरा किया / जिला मुख्यालय से 140 किलोमीटर दूर उदयपुरा तहसील के गोरखपुर में राजा मानसिंह के किले में शोधकर्ताओ ने किया शोध / यह किला 11 वी -12 वी सदी में बनाया होगा /इसी किले में सेकड़ो देवीय मंदिरो के अवशेष विखरे पड़े हुए हैं / इस किले में सूर्य , विष्णु लक्ष्मी और भैरो की बीस भुजाओ बाली प्रतिमा और कई मंदिरो के अवशेष पड़े हुए हैं अद्भुत हैं भेरो की प्रतिमा /
यह 10 सदस्यी टीम में सयुक्त कलेकटर गजेन्द्र सिंह नागेश ,राजीव लोचन चौबे ,सतयनारायण शर्मा ,विनोद तिवारी ,और डॉ नारायण व्यास पुरातत्वविद सामिल थे /सवेक्षण दल ने पाया की पर्वत श्रंखला में एक पाषाण निर्मित दीवाल जो एक अद्भुत दीवाल हैं जो गोरखपुर से बाड़ी तक 83 लम्बाई में हैं यह दीवाल जमीन से 10 -से 12 फिट ऊँची और 12 फिट चौड़ी हैं जो विशव कि सबसे बड़ी चीन की दीवाल के बाद दूसरी दीवाल हैं / इसदीवाल कई अहम सचाई को अपने गर्भ में दवाये हुए हैं /इसे पुरातत्ववेता विश्व की दूसरी बड़ी दीवाल मान रहें हैं /इस दीवाल में लगाये पत्थर भारी हैं जिन्हे लोहे के साथ शीशा धातु से जोड़ा गया हैं /यह परमार काल की बनाई गई हैं इसे गोड़वाना सुरक्षा सीमाओ से भी जोड़ा जा रहा हैं /पुरात्तव विद राजीव लोचन चौबे और डॉ नारायण व्यास पुरातत्वविद इसे अद्भुत मान रहें हैं / 83 किमी दीवाल के रहस्य को खगालने में पुरात्तवविद लगे हुए हैं इसे खबर को हमने सबसे पहले प्रमुखता से दिखाया था आज इस दीवालके लिए भारत के पुरतावेताओ के नजर लग गई हैं यह विशवविश्व की चीन की दीवाल के बाद दूसरी बड़ी दीवाल हैं / यह क्षेत्र और किले में कई रहस्य छुपे हुए हैं सघन शोध के बाद इतिहास की कई परते खुलेगी /फरवरी माह में इतिहासकार और पुरातत्वबिद सघन शोध करेंगे / यह क्षेत्र के आसपास भी इसे स्थान की मूर्तिया मंदिरो की शोभा बड़ा रहीं हैं / नाग नागिन की मानव रूप की यह प्रतिमा भी उसकी काल की हैं जब यह दीवाल बनाई गई होगी /