जोखिम में है स्कूल कालेज जाने वाले बच्चों की जान*
नो एंट्री के बावजूद शहर की सड़कों पर फर्राटा भरते नज़र आते हैं ट्राली और ट्रक*
ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट होने के बाद भी साहबगंज से संचालित हो रही हैं दर्जनों ट्रांसपोर्ट कम्पनियां
गोरखपुर । नो एंट्री के समय सड़कों पर फर्राटा भरने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों और ट्रकों की आवाजाही से लगने वाले जाम से अनजान शहर में एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने वाली यातायात पुलिस मरीजों की जान को लेकर जितनी संजीदा नजर आती है उतनी ही लापरवाह सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर नज़र आ रही है।
शहर के अधिकांश स्कूल कालेज इन्ही रास्तों पर हैं या फिर यूं कहें कि हज़ारों बच्चे रोज़ सुबह ऐसे रास्तों से होकर स्कूल पहुंचते हैं जो इन तेज़ रफ़्तार और खरतनाक वाहनों के कब्जे में रहते हैं।
रेती नखास साहबगंज मिर्ज़ापुर घासीकटरा बक्शीपुर के रास्ते प्रतिदिन हजारों बच्चे नो एंट्री के बावजूद ट्रकों और ट्रैक्टर ट्रालियों की आवाजाही के बीच जान जोखिम में डालकर स्कूल आने जाने पर मजबूर हैं।
इन सड़कों को देखकर ऐसा लगता है कि हम शहर के बीच नही बल्कि किसी ट्रांसपोर्ट नगर में खड़े हैं जहां ट्रकों को कतार लगी रहती है।
नो एंट्री के इस खेल में मुनाफा होने और ज़िम्मेदारों की खमोशी अख्तियार करने से नौबत यहां तक पहुंच गई है कि स्कूल के समय ट्रकों के आने जाने से जाम की स्थिति उत्पन्न होने के कारण लगभग रोज़ ही मासूम जिंदगियां खतरे की जद में स्कूल कालेज पहुंचती हैं।
आपको बता दें कि ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट होने के बाद भी साहबगंज और आस पास के इलाकों से दर्जनों ट्रांसपोर्ट कम्पनियां संचालित हो रही हैं।
इस सम्बंध में एसपी ट्रैफिक डॉ0 महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस मामले में जल्द ही कायवाही की जाएगी।
बहरहाल यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए हर तरफ नज़र जमाये हुए अधिकारियों का नो एंट्री के इस खेल से अनजान रहना ताज्जुब की बात है।