दसवीं बार रक्तदान कर कुलदीप पाण्डेय बने रक्तवीर

एक युनिट रक्त से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है-कुलदीप पाण्डेय

IMG-20220614-WA0461.jpgगोरखपुर! 14 जून विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर युवा जनकल्याण समिति के प्रमुख व राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय ने पांच वर्षों में लगातार दसवीं बार रक्तदान कर जरुरतमंदों कि जान बचाने में सहयोग प्रदान किये। दसवीं बार रक्तदान कर रक्तवीरों कि श्रेणी में शामिल हुए कुलदीप पाण्डेय को गोरखपुर के एसएसपी विपिन तांडा ने महा रक्तवीर सम्मान प्रदान करते हुए सम्मान पत्र व ट्राफि प्रदान किये.
रक्तवीर युवा क्लब गोरखपुर के संस्थापक शिवम्बुज पटेल व फातिमा हास्पिटल ब्लड बैंक के संयुक्त शिविर आयोजन में दर्जनों रक्तदाताओं ने स्वेच्छिक रक्तदान किया। इस दौरान गोरखपुर शहर के सुप्रसिद्ध युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय ने स्वेच्छिक रक्तदान महाअभियान में लगातार दसवीं बार रक्तदान कर जन जागरूकता संदेश देते हुए कहा कि नियमित रूप से रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है,विज्ञान क्षेत्र के प्रसार के बाद भी कृत्रिम रक्त का निर्माण संभव नहीं हो सका है,अतः रक्त का विकल्प केवल रक्त है।
रक्तदान से हमें शारीरिक कमजोरी आ जायेगी यह सामाजिक भ्रांतियां है,जब कि रक्तदान करने से रक्त का निर्माण तेजी से होने लगता है.
हमारे शरीर में लगभग 12 युनिट रक्त होता, रक्तदान के समय उसमे से केवल एक युनिट रक्त निकाला जाता है जिसकी आपूर्ति स्वयं शरीर अपने अंदर से ही केवल 24 घंटे के अंदर एवं गुणवत्ता 21 दिन के अंदर प्राप्त कर लेता है।
नियमित रूप से रक्तदान करते रहने से हार्ट अटैक,स्ट्रोक,कैंसर,डिमेंशिया इत्यादि बीमारियों के होने की संभावना कम हो जाती है.कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 18 से 68 वर्ष कि आयु वर्ग का व 45 किलो से ऊपर के हो तथा किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित न हो वह प्रत्येक तीन माह मे रक्तदान कर सकता है.
आज आधुनिक चिकित्सा प्रणाली मे एक युनिट रक्त से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है. ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता एवं रक्त का कोई विकल्प नहीं होता हम सब रक्त दान का संकल्प लें एवं अपने शरीर से बहते हुए रक्त की चन्द बूंदे दूसरों के शरीर में प्रवाहित कर के उससे एक नया रिश्ता जोड़ने का नेक कार्य करें।

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सराहनीय कार्य

बहुत-बहुत धन्यवाद भाई