महिला-एम्पलाई को हर घंटे 194 रुपए कम देता था Google:पुरुष कर्मचारियों को मिलती थी अधिक सैलरी

in #google2 years ago

लिंग के आधार पर भेदभाव करने के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी Google विवादों में घिरी गई है। गूगल कंपनी महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर उन्हें कम वेतन पर नौकरी पर रखे हुए थी। समान वेतन पाने के लिए महिलाएं लंबे समय से कोर्ट में मुकदमा लड़ रहीं थी, अब जाकर उन्हें अपना हक मिला है। कंपनी ने मुकदमे को निपटाने के लिए सहमति भरी है और अब गूगल 15,500 महिला कर्मचारियों को 118 मिलियन डॉलर यानी 920 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।

2013 में हुआ भेदभाव, 5 साल लड़ा केस, अब किया समझौता
साल 2017 में कैलिफोर्निया में गूगल की पूर्व महिला कर्मचारी केली एलिस, होली पीज, केली विसुरी और हेइडी लैमर ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिलाओं का दावा था कि कंपनी ने एक ही पद पर उन्हें पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया है। इस मामले में सैनफ्रांसिसको सुप्रीम कोर्ट के जज ने समझौते की रजामंदी दे दी है।

इस समझौते में 14 सितंबर 2013 से गूगल में अलग-अलग 236 पदों पर जॉब करने वाली लगभग कैलिफोर्निया की 15,500 महिलाओं को समझौते की राशि दी जाएगी। इन कर्मचारियों ने कई डिवीजन और स्तर पर काम किया। अब हर महिला को लगभग 7,612 डॉलर यानी 5.94 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।

पुरुषों को हर घंटे के $ 21 और महिलाओं को $ 18.51 दे रही थी कंपनी
महिला कर्मचारियों का दावा था कि गूगल कंपनी महिला और पुरुष को योग्यता और अनुभव के आधार पर नहीं बल्कि जेंडर के आधार पर सैलरी दे रही थी। गूगल एक कर्मचारी को हर घंटे के $ 18.51 देती थी। जबकि एक ही पद पर नौकरी करने वाले कम एक्सपीरिएंस और योग्यता वाले पुरुष को $ 21 हर घंटे का भुगतान कर रहा था।पांच साल बाद मुआवजा मिलने पर खुश हुई महिलाएं
समझौते के तहत एक अब एक अलग इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन का साइकोलॉजिस्ट गूगल की हायरिंग प्रोसेस की जांच करेगा और उसी के अनुसार पैसे का भुगतान किया जाएगा।

गूगल पर केस करने वाली एलिस इस कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं। इस समझौते पर एलिस का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह समझौता एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएगा।

गूगल ने नहीं मानी गलती, कहा समझौते से खत्म करें केस
इस मामले में गूगल के प्रवक्ता का कहना है कि हम अपनी नीतियों और प्रथाओं की समानता में विश्वास करते हैं। लगभग पांच साल की मुकदमेबाज़ी के बाद, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि बिना किसी स्वीकार या निष्कर्ष के मामले का समाधान, सभी के सर्वोत्तम हित में था। हम इस समझौते के साथ बहुत खुश हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी कर्मचारियों को उचित और समान रूप से भुगतान करने, हायर करने और समान व्यवहार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। पिछले 9 सालों से हमने यह सुनिश्चित करने के लिए एक कठोर वेतन इक्विटी विश्लेषण चलाया है कि वेतन, बोनस और इक्विटी पुरस्कार उचित हैं।
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