गोंडा: सामाजिक कार्यकर्ता के घर दबिश देकर फंसी गोंडा पुलिस, बाल संरक्षण आयोग ने SP से मांगा जवाब

in #gonda2 years ago

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गोंडा। जिले के एक सामाजिक कार्यकर्ता के घर पर बगैर किसी f.i.r. के दबिश डालना गोंडा पुलिस को महंगा पड़ गया है। कार्यकर्ता की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गोंडा के पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजकर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है। नोटिस मिलने के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मचा है।

धानेपुर थाना क्षेत्र के ज्योतिया गांव के रहने वाले सुनील त्रिपाठी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सुनील जनहित के मुद्दों को लेकर अक्सर आवाज उठाते रहते हैं। वर्तमान में वह नगर कोतवाली क्षेत्र के गोंडा लखनऊ मार्ग स्थित मंडे नाला पुल पर शहीद पार्क बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इस पार्क का निर्माण स्थानीय जनप्रतिनिधि की तरफ से कराया जा रहा है। सुनील त्रिपाठी का तर्क है कि राजमार्ग पर इस तरह का कोई पार्क नहीं बनाया जा सकता। यदि सड़क के बीचों बीच कोई पार्क बनाया जाता है तो इससे हादसों की संख्या बढ़ेगी और लोगों को अकारण ही अपनी जान गवानी पड़ेगी। इस मामले को लेकर सुनील ने हाई कोर्ट में भी याचिका डाल रखी है। सुनील का आरोप है कि इसी बात को लेकर सत्तापक्ष के कुछ लोग उनसे रंजिश रखते हैं और उनके इशारे पर ही पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है। सुनील का कहना है कि 10 मई को बगैर किसी एफआईआर के नगर कोतवाली पुलिस व एसओजी की टीम ने उनके गोंडा व ज्योतिया गांव स्थित घर पर छापेमारी की और गांव में मौजूद उनके परिवार वालों से अभद्रता की। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के घर पर छापेमारी करने से उनके छोटे-छोटे बच्चे बुरी तरह से भयभीत हैं और इस पुलिसिया कार्रवाई से उनके मन मस्तिष्क में डर का माहौल है।
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सुनील का कहना है कि बगैर किसी f.i.r. या सर्च वारंट के पुलिस उन पर दबाव बनाने के लिए उनके घर पर छापेमारी कर रही है। यह सब कुछ सत्तापक्ष के एक नेता के इशारे पर कराया जा रहा है। सुनील की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गोंडा के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है। आयोग की तरफ से नोटिस जारी होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है और गोंडा की नगर कोतवाली पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है। नगर कोतवाल पंकज सिंह से जब छापेमारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कि वह एक दूसरे मामले में धानेपुर की तरफ गए थे। इसी बीच में सुनील त्रिपाठी के भी घर चले गए। छापेमारी जैसी किसी भी कार्रवाई से उन्होंने इनकार किया है।