महिला की मौत के बाद तीमारदारों से की गई मारपीट

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गोंडा 18 सितंबर : (डेस्क) इलाज के दौरान अंजू देवी की मौत के बाद तीमारदारों के साथ अस्पताल कर्मचारियों ने की मारपीट।गोंडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की।

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गोंडा मेडिकल कॉलेज में 40 वर्षीय अंजू देवी की मौत के बाद अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा तीमारदारों के साथ की गई मारपीट ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही को उजागर किया है। अंजू देवी को उल्टी-दस्त की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ गई और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों ने पहले इलाज के लिए पैसे मांगे और जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो इलाज में लापरवाही बरती गई। अंजू की मौत के बाद, जब परिजनों ने मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पैसे मांगे जाने पर विरोध किया, तो कर्मचारियों ने उन पर हमला कर दिया। इस घटना ने अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गोंडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि क्या अस्पताल स्टाफ ने मरीजों और उनके परिजनों के प्रति उचित व्यवहार किया या नहीं।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग अब स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। पीड़ित परिवार ने नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं और उन्हें रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

इस मामले ने गोंडा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर एक बार फिर प्रकाश डाला है, जहां मरीजों और उनके परिजनों को उचित देखभाल और सम्मान नहीं मिल रहा है। अब देखना यह है कि जांच कमेटी क्या निष्कर्ष निकालती है और क्या अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सफल होता है या नहीं।