डिंडौरी की लहरी बाई द्वारा विलुप्त हो रहे बीजों को बचाने की झलक दिल्ली की परेड में दिखेगी
डिंडोरी:- गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की राजधानी में आयोजित परेड के दौरान विलुप्त होते मोटे अनाज के बीज को संरक्षित करने वाली लहरी बाई की भी अहम भूमिका नजर आएगी। मध्य प्रदेश की झांकी में लहरी बाई का चित्र मोटे अनाज को संरक्षित करने का संदेश देगा। इसी के साथ गौड़ी पेंटिंग की झलक भी प्रदेश की झांकी में रहेगी।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की झांकी अंतिम बार वर्ष 2019 में ही दिल्ली के मुख्य कार्यक्रम में शामिल हो पाई थी। चार वर्ष बाद प्रदेश की झांकी को दिल्ली में आयोजित परेड में फिर होने का मौका मिल रहा है।
- आत्मनिर्भर नारी पर आधारित है झांकी की थीम
मध्य प्रदेश की झांकी की थीम विकास का मूल मंत्र आत्मनिर्भर नारी पर आधारित रखा गया है। इसमें किस तरह हर क्षेत्र में मध्य प्रदेश की नारी आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भरता हासिल कर रही है, इसका उल्लेख किया गया है। प्रदेश की झांकी में रीवा की बेटी अवनी चतुर्वेदी की उपलब्धि भी शामिल है। अवनी वायुसेना का फाइटर विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनने की वजह से देश भर में चर्चा में आई थीं।
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में संरक्षित जनजाति की लहरी बाई का शामिल होना आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले के लिए गौरव की बात है। 28 वर्षीय लहरी बाई बजाग जनपद अंतर्गत बैगा गांव सिलपिड़ी निवासी है। उनके द्वारा विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के 30 से अधिक प्रजाति के बीजों को संरक्षित कर बीज बैंक बनाया गया है।
इसके द्वारा मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को यह बीज अपने बीज बैंक से उपलब्ध कराया जाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जब मन की बात में भी लहरी बाई का जिक्र किया गया तो वो देश भर में चर्चाओं में आई। लहरी बाई को माटे अनाज का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है। लहरी बाई को पद्मश्री दिलाने के लिए भी कवायद जारी हैं।
मध्य प्रदेश की झांकी में विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज को संरक्षित कर बीज बैंक बनाने वाली जिले की बैगा जनजाति की महिला लहरी बाई के साथ गौंड़ी पेंटिंग भी नजर आएगी। यह जिले के लिए गौरव की बात है। लहरी बाई को पद्मश्री दिलाने के लिए भी जानकारी भेजी जा रही है।
- विकास मिश्रा, कलेक्टर, डिंडौरी
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