फौती निरस्त करने की पीड़ित ने तहसीलदार से की शिकायत
घिरोर,
सरकार भले ही किसानों को सेवाएं समय पर उपलब्ध कराना चाह रही हो लेकिन कुछ लेखपाल की कार्य शैली के चलते किसान दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। सही ऑनलाइन विरासत होने के बावजूद भी निरस्त कर दी जाती है जिसके बाद किसान पूरे खर्च करने के बाद ऑनलाइन करता है । लेकिन बिना लेखपाल से मिलेजुले कामयाबी नहीं मिल पाती है ।
क्षेत्र के कंजाहार निवासी उमेश चंद्र की मां माया देवी की मृत्यु 10 जनवरी को हो जाने के बाद 20 जुलाई को विरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन किया था। जिसके चलते ग्राम पंचायत कल्होर पुवा में तैनात लेखपाल ने निरस्त कर दी।
कि खाते दार का नाम खतौनी में नाम दर्ज ना होने के कारण ,साथ ही मृतक का नाम अभिलेख ब खतौनी में भिन्न भिन्न है। जिसके कारण आवेदन निरस्त किया जाता है। जिसके वाद ग्रामीण ने तहसील में आवेदन के साथ सभी दस्तावेज के लेकर शिकायत की।
वही ग्रामीण ब्रज मोहन निवासी शाहजहांपुर की भी फौती निरस्त कर दी गई । वही कुसमा देवी निवासी शाहजहांपुर का भी आवेदन निरस्त कर दी गई। पवन देवी निवासी ओय ने भी आवेदन किया था।
उनका भी टालमटोल कर लेखपाल के साथ कानूनगो ने आवेदन निरस्त कर दिए है। यही हाल देखने को तहसील में मिल रहा है। जिसके चलते किसान आए दिन परेशान रहते है । उच्चाधिकारियों का भी इधर ध्यान नही है।