गैंगेस्टर एक्ट में आरोपित दो आरोपी बरी 25 वर्ष पूर्व दर्ज हुआ था मुकदमा

in #ghiror5 months ago

2/3 उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप(निवारण)अधिनियम 1986 ( गैंगेस्टर एक्ट) कें तहत आरोपित राम वीर सिंह पुत्र भगवान सिंह ठाकुर एवं रनवीर सिंह पुत्र जोगेंद्र सिंह ठाकुर निवासी गण ग्राम वरगंवा खुर्द ,थाना जगनेर ,जिला आगरा को सबूत कें अभाव में विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट मृदुल दुबे नें बरी करनें कें आदेश दियें।

थाना जगनेर में दर्ज मामलें कें अनुसार वादी मुकदमा थानाध्यक्ष जगनेर जगत राम जोशी नें मुकदमा दर्ज करा कथन किया कि, 13 जुलाई 1999 की रात्रि 7,30 बजें वादी मय अधीनस्थ अनुमोदन गैंग चार्ट,एवं गस्त कें दौरान ज्ञात हुआ कि राम वीर सिंह एवं रणवीरसिंह आदि का इलाकें में सक्रिय गिरोह है, जिसका मुखिया राम वीर सिंह हैं जो इस गिरोह का नेतृत्व करता है,
यह गिरोह थाना जगनेर एवं खेरागढ़ में डकैती,लूट सहित पुलिस वालों पर जान लेवा हमला भी कर चुका हैं इस गिरोह का इलाकें में जबरदस्त भय एवं आतंक व्याप्त हैं , इनकें विरुद्ध कोई गवाही एवं मुकदमा दर्ज करानें का साहस नहीँ करता हैं, ये शातिर किस्म कें पेशेवर अपराधी हैं,
थानाध्यक्ष नें इन आरोपियों कें विरुद्ध पूर्व में कियें गयें संगीन अपराधों का व्योरा भी अपनी तहरीर में दिया जिसमें 31 जनवरी 1999 की रात्रि 12 अज्ञात सशस्त्र बदमाशों द्वारा नगला कमाल तिराहे पर पिकेट ड्यूटी पर तैनात तीन सिपाहियों की रायफल लूट कांस्टेबिल कमल सिंह की गोली मार हत्या कर दी गयी थी,
अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमें कें विचारण कें दौरान सेवा निर्वत उप निरीक्षक गोपी चन्द, सेवा निर्वत सीओ जगत राम जोशी, विवेचक पुलिस निरीक्षक विजय कुमार चौधरी को गवाही हेतु अदालत में पेश किया।
मुकदमें कें विचारण उपरांत आरोपियों कें अधिवक्ता सुरेश सिंह राजपूत कें तर्क पर अदालत नें आरोपियों को सबूत कें अभाव एवं वर्ष 2000 कें उपरांत उनकें विरुद्ध कोई नया मुकदमा दर्ज नहीं होनें पर रिहाई कें आदेश दियें।