खेति‍हर मजदूर, शोषित व किसानों के हक की लडा़ई कलम से लड़ते थे विजय बाबू

in #ghazipurnewswortheum2 years ago (edited)

रिपोर्ट- शेषनाथ बिन्द
गाजीपुर यश भारती सम्मान से सम्मानित जीवंत व क्रांति दर्शी पत्रकार विजय कुमार जी की 91वीं जयंती का आयोजन विजय कुमार स्मारक न्यास एवं प्रेस क्लब गाजीपुर के तत्वाधान में लंका मैदान स्थित सभागार में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने कहा की विजय बाबू ने स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया।। कर्मचारियों के हक की लड़ाई के लिए कानपुर की जेल में बंद रहे ,जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी भी रह चुके थे ।वह लोकसभा व उत्तर प्रदेश की विधानसभा की समीक्षा करने वाले पत्रकार थे। उनका चित्त चिंतन धवल था ,वह मानवता, मूल्य के विवेचक भी थे ।खेत मजदूर, शोषित ,पीड़ित, किसान नीति के समर्थक थे। जनपद में नंदगंज चीनी मिल और बड़ौदा की सूत मिल बंद होने से काफी मर्माहत थे । मिल खोलने को लेकर के अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को अपनी लेखनी से धार दिया था। वेआध्यात्मिक भी थे लेकिन धर्म का ढोंग नहीं करते थे। प्रवक्ता श्रीकांत पांडे ने कहा विजय बाबू स्वतंत्रता आंदोलन से निकले हुए योद्धा थे बाद में पत्रकारिता में आए ।यह पत्रकारिता उनके लिए प्रोफेसर नहीं बल्कि मिशन थी, समाज में जाति विशेषता दूर करने का जज्बा था वह सिर्फ अपने तक ही सीमित नहीं थे बल्कि गाजीपुर की समस्याओं को लेकर संघर्ष करने वाले पत्रकार थे उन की शव यात्रा में लोगों का जो हुजूम उमड़ा था वह अविस्मरणीय है। जंगीपुर के युवा विधायक डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि विजय बाबू ने मूल्य पर आधारित पत्रकारिता की उन्होंने पूर्वांचल की पत्रकारिता को नया आयाम दिया, उनके द्वारा लिखी गई बातें आज भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर हम पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु उपाध्याय ने कहा कि समाज में मूल्यों का क्षरण हुआ है लेकिन विजय बाबू इससे अछूते रहे ,उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत आज अखबार से की बाद में जन वार्ता के साथ जुड़कर पूर्वांचल को पत्रकारिता के क्षेत्र में मजबूत किया। वह ऐसे संवाददाता थे जिनको संपादक से ज्यादा सम्मान मिलता था। उन्होंने आज अखबार में 1958 लिखा था 15 अगस्त रुको, तुमसे कुछ कहना है, वह आज भी प्रासंगिक है आजकल जो पत्रकारिता का स्वरूप बदला है उसमें ज्यादातर लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार हो गए हैं लेकिन इस समय हमें सजग पाठक की जरूरत है। विजय श्री सम्मान से अलंकृत पूर्व कुलपति और वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर राम मोहन पाठक ने कहा कि विजय कुमार जी जन सरोकारों से जुड़े बेजोड़ पत्रकार थे, नई पीढ़ी को उनके बताए गए रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए ।वे एक सिद्ध पत्रकार थे उन्होंने आंचलिक पत्रकारिता को शीर्ष पर पहुंचाया। विजय श्री सम्मान से अभिभूत पाठक ने कहा कि यद्यपि मुझे देशभर में बहुत सारे सम्मान मिले हैं लेकिन आज का यह सम्मान देश के किसी भी सम्मान से बड़ा है और मैं खुद गर्व का अनुभव कर रहा हूं। पूर्व प्रवक्ता व्यास मुनि राय ने कहा की चित्र की नहीं चरित्र की पूजा होती है ,व्यक्ति की नहीं व्यक्तित्व की पूजा होती है। जिस प्रकार साहित्य एक विधा है पत्रकारिता भी एक विधा है। विजय बाबू पत्रकारिता के माध्यम से सटीक और सही राय प्रस्तुत करते थे। गाजीपुर समाचार में नियमित रूप से ठहरो मुझसे बात तो कर स्तंभ लिखने वाले शेख जैनुलाब्दीन ने कहा कि विजय बाबू ने अखबार के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। उनकी निगाह में सभी बराबर थे। वरिष्ठ अधिवक्ता राम पूजन सिंह ने कहा की विजय बाबू की पत्रकारिता परोपकारी व सामाजिक दृष्टि की थी, जिसको जीवंत रखने के लिए यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है उनके व्यक्तित्व व कृतित्व का प्रतिफल है गाजीपुर समाचार। यह उनकी सतत साधना ही है, सतत साधना से भाषा का विकास हुआ है। वर्तमान में भाषा की गिरावट आई है इसलिए पत्रकारिता में भी गिरावट आई है ।भाषा के आधार पर हमारा देश विश्व गुरु के रूप में प्रतिस्थापित रहा है किंतु वर्तमान परिवेश में परिस्थितियां परिवर्तित हो रही हैं व्याकरण भाषा से बिल्कुल बाहर हो गया है। नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सरिता अग्रवाल ने कहा कि विजय बाबू गाजीपुर के महान हस्ती थे ।गरीबों के मसीहा थे तथा वे एक महान पत्रकार थे, सदर विधायक जय किशन साहू ने कहा कि विजय बाबू गाजीपुर की धरोहर एवं त्यागी पुरुष थे। जनपद में विश्वनाथ सिंह गहमरी के बाद कोई था तो वे थे विजय बाबू। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधानसभा में अधिष्ठाता ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि विजय बाबू मरकर भी अमर हैं वह एक शानदार शख्सियत थे। उनके लिए चीनी मिल व बड़ौदा मिल चिंता के कारण हुआ करते थे, उनका मानना था कि सबके चेहरे पर प्यार और मोहब्बत दिखाई दे तभी समाज आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पैसे वाले का सम्मान होता है लेकिन पहले चरित्र का सम्मान होता था ।विजय बाबू हमेशा चिंतनशील रहते थे गरीब मजदूर किसान पीड़ित का क्या होगा इसके लिए बराबर चिंतित थे जो समाज के लिए जीता है वह समाज में हमेशा जिंदा रहता है। सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के निदेशक डॉ सानन्द सिंह ने कहा की विजय बाबू सैद्धांतिक पत्रकार थे किन्हीं भी परिस्थितियों में उन्होंने ने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और बिना रोक-टोक के सतत अपनी कलम चलाते रहे। धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की विजय बाबू के जीवन की संघर्ष यात्रा ग्रामीण स्तर से शुरू हुई स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान नंदगंज रेल कांड चर्चा का विषय बना रहा वह मानवतावादी पुरुष थे तथा उनकी पत्रकारिता में फीचर के माध्यम से प्रस्तुत की गई विषय वस्तु लोगों को सोचने के लिए मजबूर करती थी उन्होंने आवाहन किया कि विजय कुमार स्मारक न्यास द्वारा संचालित पुस्तकालय में सभी लोग अपने माध्यम से पुस्तक दान करेने की कोशिश करेंगे। प्रेस क्लब के सचिव शिवेंद्र पाठक ने अभिनंदन पत्र का वाचन ,गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वह भा .वि प के अध्यक्ष अनिल कुमार उपाध्याय ने विजय श्री सम्मान से नवाजे जाने वाले प्रोफेसर राम मोहन पाठक का पूरा परिचय कराया न्यास के उपसचिव सुखविलास ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पूर्व सलाहकार रहे बी एन राय द्वारा प्रेषित संदेश का वाचन तथा सांसद अफजाल अंसारी द्वारा भेजे गए संदेश को खाकी बाबा सिद्धार्थ संस्थान के संरक्षक अशोक सिंह पप्पू ने वाचन किया कार्यक्रम के प्रारंभ में विजय बाबू के चित्र पर अतिथियों व अन्य शुभेच्छु द्वारा पुष्पा र्चन किया तथा अनीता यादव ने स्वागत गीत, डॉ अरुण कुमार राय ने वृत निवेदन ,संजय कुमार ने स्वागत भाषण ,वअजय कुमार ने आभार ज्ञापन तथा संचालन डॉ ऋचा राय ने किया। इस अवसर पर चंद्रमा यादव, रामधारी यादव ,अजय कुमार कुशवाहा, डॉक्टर दिनेश कुमार सिंह ,सत्या यादव ,धर्म देव प्रसाद, प्रभु नारायण सिंह यादव ,शेषनाथ हरिनारायण यादव एडवोकेट, अवधेश चौबे, रमेश यादव, इंद्रासन यादव, शंभूनाथ, बृजेंद्र यादव ,रमेश यादव एडवोकेट, शंभूनाथ सिंह अकेला ,राजेंद्र यादव, रविकांत राय , पूर्व विधायक अमिता अनिल दुबे, हनुमान सिंह यादव ,अशोक श्रीवास्तव पत्रकार, पी पी त्रिवेदी ,गुप्तेश्वर नाथ तिवारी, आनंद प्रकाश अग्रवाल, सुशील अग्रवाल ,अनुपम आनंद श्रीवास्तव, अरविंद राय ,अमरनाथ तिवारी, प्रभाकर त्रिपाठी ,सर्वानंद यादव, राजेंद्र सिंह ,विवेक सिंह शम्मी ,गयासुद्दीन आजाद ,शिवानंद जी ,विनोद सिंह एडवोकेट, मनीष सिंह, एडवोकेट ,राज नारायण यादव, गोरख यादव ,राजेश श्रीवास्तव, जयप्रकाश, हीरालाल यादव , आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा विजय कुमार जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन तथा पुष्पा र्चन के साथ किया गया। बारी-बारी से सभी लोगों ने क्रांतिकारी पत्रकार विजय कुमार के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।