गाजियाबाद डिपो को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने का काम शुरू

in #ghaziabad2 months ago

1000622507.jpg

गाजियाबाद बस डिपो को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार को कार्यदायी संस्था ओमेक्स ने डिपो के आसपास लगी ग्रील और दीवार को तोड़ना शुरू किया। कार्यदायी संस्था से जुड़े लोगों ने बताया कि दीवार 400 मीटर की है। इसे तोड़ने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। उसके बाद एनजीटी के नियमानुसार जहां कहीं भी निर्माण होता है वहां कम से कम दस फुट की ग्रीन शीट लगाई जाती है। वह काम भी किया जाना है।
ग्रीन शीट लगाने में भी एक महीने का समय लगेगा। उसके बाद बस अड्डे के लिए खुदाई का काम शुरू किया जाएगा। हालांकि अब तक जो नक्शा गाजियाबाद बस डिपो के लिए हेडक्वार्टर भेजा गया था वह वरिष्ठ अधिकारियों ने पास नहीं किया है। जल्द ही यह नक्शा पास हो जाएगा।
गाजियाबाद बस डिपो का फर्स्ट लुक कुछ दिन पहले लखनऊ हेडक्वार्टर में आयोजित बैठक में दिखाई गई थी। यह बस डिपो देखने में बिल्कुल किसी फाइव स्टार होटल जैसा दिख रहा है। जबकि यहां यात्रियों को सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तर्ज पर दी जाएंगी। जहां एसी वेटिंग रूम से लेकर, ब्रांडेड दुकानें और अन्य तमाम तरह की सुविधाएं रहेंगी। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने एक महीने पहले ही यहां पर निर्माण के रास्ते में आने वाले 25 पेड़ों को काटने की मंजूरी भी दी थी।
गाजियाबाद बस डिपो की बसों को निर्माण के दौरान साहिबाबाद बस डिपो रेफर कर दिया जाएगा। सावन के बाद यह काम शुरू होगा। रक्षा बंधन के बाद बसों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया तेजी से की जाएगी। गाजियाबाद बस डिपो की बसें साहिबाबाद बस डिपो पर शिफ्ट होने के बाद यात्रियों के कुछ किराए में भी बढ़ोत्तरी होगी। एक से दो रुपये किराए में बढ़ोत्तरी की उम्मीद अधिकारी कर रहे हैं। जिसे बाद में अपडेट किया जाएगा जब तक कि निर्माण पूरा नहीं होता है। वहीं, कौशांबी डिपो पर भी सॉयल टेस्टिंग का काम शुरू किया गया है। यहां पर 11 जगहों से सॉयल सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।