कुत्ता काटने के बाद एक घंटे के अंदर लग गया था इंजेक्शन

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भोजपुर ब्लॉक के अमीपुर बड़याला में तीन साल के बच्चे की रेबीज से मौत की सूचना के बाद बुधवार को भोजपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने टीम के साथ क्षेत्र में जांच कर सीएमओ को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार कुत्ते के काटने के एक घंटे के अंदर टीका और सीरम दोनों लगा दिए गए थे। मेरठ से लेकर दिल्ली के एम्स तक परिजन कराने गए लेकिन, बच्चे की जान नहीं बच पाई।
रिपोर्ट के अनुसार मृतक नित्यांश को 25 जून को शाम सात बजे कुत्ते ने काटा था। जख्म उसके चेहरे और सीने के पास बने थे। उसके एक घंटे के अंदर परिजनों ने मोदीनगर के निजी अस्पताल में एआरवी लगाई गई और चिकित्सक ने डॉग बाइट को थर्ड ग्रेड का मान इम्यूनोग्लोबिन रेबीज सीरम भी लगाया था। छह सात दिन के अंदर भोजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो जुलाई को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगवाई गई थी। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि परिजनों को तसल्ली नहीं हुई तो वह दो दिन बाद बच्चे को गुरुतेग बहादुर अस्पताल भी टीकाकरण के लिए लेकर गए थे लेकिन, पहले से टीका लग चुका था इसलिए वहां टीका लगाने से मना कर दिया गया। 18 जुलाई को बच्चे के सपने में सांप, छिपकली दिखाई देने लगा तब परिजन 19 तारीख को मोदीनगर के निजी अस्पताल ले गए । वहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन मरीज को इलाज के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल मेरठ ले गए जहां लक्षणों को देखते हुए उसे संभावित रेबीज का मरीज मान दिल्ली एम्स ले गए जहां से उसे अन्य अस्पताल ले जाने को कहा गया लेकिन परिजन उसे घर लाने लगे उसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई।
बुधवार को एमएमजी सहित संयुक्त अस्पताल में कुल 195 लोगों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगे। जिसमें 22 बच्चे भी शामिल रहे। एमएमजी में 17 बच्चे और संयुक्त अस्पताल में पांच बच्चों को टीका लगाया गया। एमएमजी में पहली डोज लगाने वालों की संख्या 73 रही। संयुक्त अस्पताल में 23 लोगों ने पहली डोज लगवाई। नोडल अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि हर महीने ढाई हजार से लेकर तीन हजार लोगों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है। जून में 2683 लोगों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगा था।