बांग्लादेश भेजे जा रहे थे चाेरी के मोबाइल, तीन गिरफ्तार

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जीआरपी की टीम ने ट्रेनों में और स्टेशनों पर यात्रियों के मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके पास से 128 चोरी के मोबाइल बरामद किए हैं। जीआरपी के मुताबिक, पकड़े गए चोरों ने यह मोबाइल 15 दिन में चोरी किए थे। तीनों आरोपी मोबाइल को एक बिचौलिए के जरिये बिहार व पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजते थे।
सीओ जीआरपी सुदेश गुप्ता ने बताया कि मोबाइल चोरों की पहचान रविंद्र उर्फ परसी निवासी राजारानी तालाब, खडकपुर, मुंगेर, बिहार, दीपक निवासी शिवनंदनपुर, सुल्तानगंज, भागलपुर, बिहार और गौतम निवासी मकोला खडकपुर, मुंगेर, बिहार के रूप में हुई है। तीनों दिल्ली में दिन में किराना की दुकानों पर नौकरी करते थे। रात में वह गाजियाबाद और दिल्ली एनसीआर के स्टेशनों व ट्रेनों में सोते हुए या भीड़भाड़ में से लोगों के मोबाइल चोरी करते थे। बरामद मोबाइल में छह आइफोन भी हैं।
तीनों ने पूछताछ में बताया कि उनका संपर्क बिहार और पश्चिमी बंगाल के ऐसे लोगाें हैं, जो पश्चिम बंगाल के रास्ते मोबाइल को बांग्लादेश के डीलरों को बेचते थे। अब से पहले वह 10 खेप वहां भिजवा चुके हैं। बरामद मोबाइलों की कीमत 35 लाख से ज्यादा है। जिनको मोबाइल बेचे जा रहे थे, उनकी पहचान की गई है। जल्द ही उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा।
सीओ सुदेश गुप्ता ने बताया कि गौतम पर गाजियाबाद और पुरानी दिल्ली में छह, रविंद्र व दीपक पर पांच-पांच मुकदमे दर्ज हैं। तीनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-317(5) के अतर्गत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जीआरपी निरीक्षक अनुज मलिक ने बताया कि बांग्लादेश का सिम डालकर मोबाइल ऑपरेट किया जाए तो यहां सर्विलांस पर लगाने के बाद भी उसका पता या लोकेशन नहीं आएगी। यही वजह है कि बड़ी तादात में मोबाइल के खोने या चोरी होने के बाद पता नहीं चलता। बिहार और पश्चिम बंगाल में यह काम बड़े पैमाने पर कुछ लोग कर रहे हैं।