टुकड़े-टुकड़े कर मार डाला, नहीं काट पाया गर्दन तो दरांती मंगाई

in #ghaziabad21 days ago

1000710112.jpg

मैं अंजलि का बहनोई हूं। मेरी उससे दोस्ती है। मैंने उसके नाम एक फ्लैट कर रखा है। मुझे पता चला कि उसकी नजदीकियां तरुण के साथ बढ़ रही हैं। उसने अपने मोबाइल में तरुण का नाम लड़की के नाम से सेव कर रखा है। मुझे चिंता होने लगी कि कहीं वह तरुण के साथ न रहने लगे और मेरा फ्लैट उसके नाम न कर दे। इसी चिंता में मैंने पवन से तरुण को रास्ते से हटाने के लिए कहा। पवन ने तरुण का अपहरण कर उसे डराने-धमकाने की साजिश रची, लेकिन हालात ऐसे बने कि उसकी हत्या करनी पड़ी... यह इकबाल-ए-जुर्म है इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार की हत्या में जेल भेजे गए आरोपियों में शामिल अक्षय का।
पुलिस पूछताछ में अक्षय ने बताया कि कुछ दिनों से अंजलि को उसने औरा कायमोरा सोसायटी में फ्लैट दिलवाया। हेल्प डेस्क पर उसकी नौकरी लगवाई। इसके बावजूद उसके व्यवहार में बदलाव महसूस हो रहा था। वह फोन पर बहुत समय बिताने लगी थी। एक दिन पवन ने बताया कि उसकी तरुण के साथ नजदीकी कुछ ज्यादा ही बढ़ रही है। बॉडी बिल्डर पवन भी अंजलि का दोस्त है। उसे भी यह पसंद नहीं आया कि तरुण और अंजलि के बीच नजदीकियां बने।
तरुण शादीशुदा है लेकिन उसकी पत्नी काफी समय से उससे अलग रहती है। इसी तरह अंजलि का अपने पति से झगड़ा है और वह उससे अलग रहती है। दोनों की स्थिति देखकर चिंता हुई कि कहीं दोनों साथ न रहने लगें और अंजलि फ्लैट को उसके नाम न कर दे। इसलिए, उसने पवन से कहा कि किसी भी तरह तरुण को अंजलि से दूर करना है। उसे इतना डरा देना है कि वह अंजलि को फोन भी न करे। अपहरण कर उसे पीटने की साजिश बनी। वारदात के समय अंजलि को सिर्फ इसलिए साथ रखा गया ताकि वह पुलिस से शिकायत न करे। ऐसा ही हुआ। अंजलि डर गई। उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया।

यह था मामला----
राजनगर एक्सटेंशन की केडब्ल्यूडी सृष्टि निवासी इंटीरियर डिजाइनर तरुण कुमार 16 अगस्त को लापता हो गए थे। नंदग्राम पुलिस को उनकी कार नेहरू नगर में निजी अस्पताल के बाहर मिली। इस पर अपहरण का केस दर्ज किया गया। कार खड़ी कर जाते लोग सीसीटीवी फुटेज में नजर आए। उनसे पूछताछ हुई तो पूरी घटना का खुलासा हो गया।

डीसीपी नगर राजेश कुमार का कहना है कि पवन से लंबी पूछताछ की गई। उसने बताया कि 16 अगस्त को तरुण को उसने ही फोन करके मोरटा में मनोज के घर बुलाया था। उससे कहा था कि वहां कुछ इंटीरियर का काम है, देख लेना। वहां वह, अक्षय, अंजलि, वंश, दीपांशु, जीते, अंकुर और अंकित मौजूद थे। सभी ने पहचान छिपाने के लिए चेहरे पर नकाब डाल रखे थे। पवन ने बताया कि उसने चेहरे पर गमछा डाल रखा था। वह जैसे ही तरुण को पीटने लगा, गमछा गिर गया और उसका चेहरा उजागर हो गया। चेहरा देखते ही तरुण ने कहा कि वह पुलिस से शिकायत करेगा। इस पर वे लोग डर गए। उन्हें लगा कि अब जेल जाना होगा। इस पर तय किया कि उसकी हत्या कर दी जाए। उसने अक्षय और दीपांशु के साथ मिलकर इतना पीटा कि तरुण की मौत हो गई। दीपांशु ने सिर में डंडा मारा था।

फावड़े से नहीं कटी तरुण की गर्दन तो दरांती मंगाई---
पवन ने पुलिस को बताया कि वे लोग हत्या के बाद तरुण की लाश को कार से बुलंदशहर के खरकाली गांव पहुंचे। वहां ट्यूबवेल से फावड़ा लेकर आए। इससे लाश के टुकड़े किए। पहले एक-एक कर दोनों हाथ काटे। इसके बाद पैर। लेकिन, जब गर्दन नहीं कट सकी। इस पर दीपांशु को भेजकर ट्यूबवेल से दरांती मंगाई। इससे गर्दन काटकर धड़ से अलग की। इस तरह दो हाथ, दो पैर, गर्दन और धड़ मिलाकर लाश के छह टुकड़े हो गए। इन्हें सीमेंट के खाली कट्टों में भरा। इसके बाद बीबीनगर और आसपास के नहरों में तीन जगहों पर दो दो टुकड़े फेंके। पुलिस ने इनमें से औरंगाबाद से दायां पैर बरामद किया है। बाकी हिस्सों की तलाश के लिए गोताखोर लगाए गए लेकिन अब तक ये नहीं मिल सके हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका-----
. पवन : बुलंदशहर के खरकाली गांव का है। अक्षय के कहने पर पवन की हत्या की और लाश को अपने गांव ले जाकर टुकड़े किए और नहर में फेंके।
. वंश : हत्या से लेकर तरुण की कार ठिकाने लगाने और शव के टुकड़े कर नहर में फेंकने तक में शामिल रहा।
. अंजलि : औरा कायमोरा सोसायटी में रहती है। हत्या से लेकर लाश के टुकड़े करने और ठिकाने लगाने तक की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।

फरार-----
. अक्षय : राजनगर एक्टेंशन की औरा कायमोरा सोसायटी का निवासी है। वारदात की साजिश रची। हत्या और शव के टुकड़े करने तक में शामिल रहा।
. मनोज : मोरटा गांव का निवासी है। उसी के घर में तरुण की हत्या की गई। जानकारी होने पर भी पुलिस से शिकायत नहीं की।
. दीपांशु : बीबीनगर के चित्तसौना गांव का निवासी है। हत्या से लेकर तरुण की कार ठिकाने लगाने और शव के टुकड़े करने तक में शामिल रहा।
. जीते : लोनी की इंदिरापुरी कॉलोनी का निवासी है। हत्या के समय मौजूद था। घर के बाहर पहरा दिया। वारदात की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।
. अंकुर : लोनी की इंदिरापुरी कॉलोनी का निवासी है। हत्या के समय मौजूद था। घर के बाहर पहरा दिया। वारदात की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।
. अंकित : लोनी की इंदिरापुरी कॉलोनी का निवासी है। हत्या से लेकर शव को ठिकाने लगाने तक में साथ रहा।