स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे जिम्मेदार, खुले में फेंक रहे कूड़ा;

in #garbage29 days ago

अलीगढ़ 18 अगस्त : (डेस्क) एटा में जिम्मेदार ही स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे हैं। खुले में कूड़ा फेंक रहे हैं। बदबू और गंदगी से राहगीर परेशान हैं। प्रदूषण से बीमारी फैलने का डर बना रहता है।

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Image credit :- amar ujala

उत्तर प्रदेश के एटा में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ जिम्मेदार लोग इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं। हाल ही में, अधिकारियों द्वारा खुले में कूड़ा फेंकने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। जबकि खुले में कूड़ा डालने पर पाबंदी है, फिर भी यह कार्य जारी है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या के कारण दुर्गंध और गंदगी की शिकायत की है, जिससे स्वच्छता अभियान की प्रभावशीलता पर सवाल उठता है.

स्वच्छता अभियान के तहत, सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका सही ढंग से कार्यान्वयन नहीं हो रहा है। यह स्थिति न केवल स्थानीय स्वास्थ्य पर असर डाल रही है, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता को भी कमजोर कर रही है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण नागरिकों में निराशा बढ़ रही है, और उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हो रही है.

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आवश्यक है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और स्वच्छता के प्रति सख्त नियमों का पालन किया जाए। इसके साथ ही, नागरिकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझ सकें और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने में सहयोग कर सकें.

एटा में स्वच्छता को पलीता लगाने वाले जिम्मेदारों की पहचान
एटा में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच, कुछ जिम्मेदार लोग इसके विपरीत कार्य कर रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों द्वारा खुले में कूड़ा फेंकने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके बावजूद, कुछ लोग खुले में कूड़ा डालने का काम कर रहे हैं, जबकि इस पर पाबंदी है।

स्वच्छता अभियान के तहत, सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका सही ढंग से कार्यान्वयन नहीं हो रहा है। उदाहरण के लिए, पूर्व सांसद डा. महादीपक शाक्य के गांव अगौनापुर में करीब आठ हजार की आबादी वाले गांव में स्वच्छ शौचालय बनवाने के लिए किसी को भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई है। कई सालों से यहां कोई सफाई कर्मचारी भी नहीं आ रहा है, जिससे गांव में गंदगी फैल रही है।

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आवश्यक है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और स्वच्छता के प्रति सख्त नियमों का पालन किया जाए। इसके साथ ही, नागरिकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझ सकें और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने में सहयोग कर सकें।