इटावा में पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष और उनके साथी को उम्रकैद: टीचर के इकलौते बेटे के अपहरण और हत्या

in #former9 days ago

इटावा 07 सितम्बरः(डेस्क)इटावा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष शिवप्रताप राजपूत और उनके साथी दीपू शर्मा को एक महत्वपूर्ण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

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यह मामला 19 अप्रैल 2015 का है, जब दोनों ने रिटायर्ड शिक्षक मोहर सिंह यादव के इकलौते बेटे संतोष यादव का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। संतोष का शव बाद में सहसो क्षेत्र की क्वारी नदी में फेंका गया था।

मामले का विवरण
19 अप्रैल 2015 को सुबह चार बजे, शिवप्रताप राजपूत और दीपू शर्मा ने संतोष यादव का अपहरण किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, संतोष को गोली मारी गई थी, जिसके बाद उसका शव नदी में फेंका गया। 20 अप्रैल को जब शव मिला, तो मोहर सिंह यादव ने उसे अपने बेटे के रूप में पहचान लिया।

न्यायालय का निर्णय
इटावा जिला एवं सत्र न्यायालय के जिला जज चवन प्रकाश ने 6 सितंबर 2024 को दोनों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही, प्रत्येक पर एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अदालत ने मामले में दस गवाहों की गवाही सुनी और सबूतों के आधार पर यह निर्णय लिया।

राजनीतिक प्रभाव
इस फैसले ने भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में मायूसी का माहौल बना दिया है। शिवप्रताप राजपूत ने कहा है कि वे उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। इस मामले ने इटावा में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है, और भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है।

निष्कर्ष
यह मामला न केवल एक गंभीर अपराध का उदाहरण है, बल्कि यह राजनीतिक जगत में भी हलचल पैदा कर रहा है। न्यायालय के इस निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वे किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हों।