15 अगस्त मनाने जा रहा वनरक्षक नाला के तेज बहाव में बहा
- घुघरी पुलिस ने बड़ी जद्दोजहद से वनरक्षक को निकाला नाले से बाहर
मंडला।. विगत 14 अगस्त की शाम करीब 07 बजे वन परिक्षेत्र मोहगांव में पदस्थ कर्मचारी वनरक्षक 15 अगस्त मनाने जा रहा था। रास्ते में पडऩे वाले टिकरिया नाले को पार कर रहा था, नाले में पानी अधिक और बहाव होने के कारण नाला पार करते समय कर्मचारी अपना संतुलन खो बैठा और नाले के तेज बहाव में मोटरसाईकिल समेत बह गया। जिसकी जानकारी रात्रि होने के कारण नहीं लग सकी। दूसरे दिन 15 अगस्त को सुबह ग्रामीणों ने एक मोटर साईकिल को टिकरिया नाले से थोड़ी दूर पर देखा कर किसी के डूबने की शंका हुई। जिसकी जानकारी तत्काल घुघरी पुलिस को दी। जानकारी लगते ही घुघरी पुलिस 15 अगस्त मनाते ही घटना स्थल पर पहुंची और बहे व्यक्ति की तालाश में जुट गई।
जानकारी अनुसार 15 अगस्त सुबह करीब 7 बजे टिकरिया नाला से गुजरने वाले ग्रामीण ने घुघरी पुलिस को सूचना दी कि यहां नाले में एक मोटरसाईकिल दिखाई दे रही है, शायद कोई व्यक्ति नाले में रात्रि में आई बाढ़ में बह गया है। सूचना मिलते ही घुघरी पुलिस घटना स्थल पहुंची। यहां जांच परीक्षण के दौरान नाले में एक मोटरसाईकिल मिली। मोटरसाईकिल से व्यक्ति की पहचान की गई, पता चला कि यह मोटर साईकिल मोहगांव वन परिक्षेत्र में पदस्थ वनरक्षक के कर्मचारी की है, शायद यही इस नाले में बहा है।
बता दे कि मोहगांव वन परिक्षेत्र में पदस्थ वनरक्षक के नाले में बहने का संदेह होने के बाद थाना प्रभारी दुर्गा प्रसाद नगपुरे के निर्देशन में टीम गठित की गई। जिसमें सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र हरदहा, प्रधान आरक्षक राम सिंह उइके, आरक्षक टीकाराम परस्ते, राजेश मरकाम, दीपक मसराम, एसडीआरएफ टीम पवन सोनवानी, सैनिक दानसाह, लखन द्वारा गिरते हुए पानी में कर्मचारी को ढूंढने में लग गई।
कर्मचारी को नाले में ढूंढते हुए करीब टिकरिया नाला से एक किमी दूर नाले के एक पेड़ पर मृतक का बैग लटका हुआ दिखाई दिया। घुघरी पुलिस को शंका हुई कि शायद नाले में बहा कर्मचारी यहीं बैग के पास हो सकता है। तत्काल घुघरी गठित टीम द्वारा बिना विचार किए उक्त तेज बहते हुए नाले में उतरी और बड़ी मशक्कत के बाद मृतक को रस्सी के सहारे नाले से बाहर निकाला गया। मृतक के शव को पीएम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घुघरी लगाया गया। जहां पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
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