*जो झुकना जानता है वही विशाल होता है-हेमदत्त सागर महाराज
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पारसनाथ मन्दिर में मुनि श्री ने सुनाए प्रवचन
टूंडला। जब आप अच्छे कर्म करते है तो मान अपने आप मिलता है हर जगह, अभिमान, घमंड कभी किसी भी व्यक्ति को नहीं करना चाहिए। घमंड आदमी को गर्त में ले जाता है।
यह प्रवचन मुनि श्री 108 हेमदत्त सागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्रावक को मान के लिए कभी नहीं सोचना चाहिए। कभी किसी और को मत देखो। अपनी कमियों को पहचानो तो तुम्हारा जीवन अपने आप सार्थक हो जाएगा। दुनिया में किसकी पूजा होती है। जो बुद्धिमान है चरित्रवान है उसकी पूजा होती है। जो बुद्धिमान होगा वो कषाय और गम को पी जाता है। मंदिर में बाते करने मत जाओ। मंदिर में कर्मो का क्षय करने आए हो अपनी आत्मा का उद्धार करने आए हो, जिनभक्ती में अपना समय लगाओ। तभी जीवन का कल्याण होगा।
मुनि श्री 108 शिवदत्त सागर महाराज ने कहा कि दगा किसी का सगा नहीं है न जानो तो करके देखो। जिस जिसने दगा किया है उसके जाके घर देखो। जीवन में झुकना सीखो जो झुकता है वो ही विशाल बनता है। अगर बड़ा बनना है तो जीवन में बहुत शालीनाता रखो। झुकता वही है जिसमें जान होती है। अकड़ तो मुर्दे की पहचान होती है। जो जिंदा होती है हमेशा उसी की निन्दा होती है जो मुर्दा है उसकी निंदा नहीं होती है। इसलिए जिंदादिल बनो। गुस्सा ज्यादा ताकत कम लक्षण है पिट जाने के। खर्चा ज्यादा आमदनी कम लक्षण है मिट जाने के, जीवन में अहंकार को छोड़ना चाहिए।
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