हरा पेड़ काटने पर 5000 रुपये का जुर्माना

in #fine4 days ago

आजमगढ़ 15 सितम्बरः(डेस्क)फरिहा गांव में शनिवार सुबह आम के हरे पेड़ की कटाई की जा रही थी, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह को दी, जिन्होंने इसे वन विभाग का मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया।

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ग्रामीणों का कहना है कि यह कटाई अवैध है और इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि उनके livelihoods पर भी असर पड़ेगा। आम के पेड़ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उनकी कटाई से स्थानीय किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब फलदार वृक्षों की कटाई की गई है। पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां दबंगों ने बिना अनुमति के पेड़ों को काटा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन निरीक्षक की मिलीभगत के कारण ये घटनाएं बढ़ रही हैं।

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और अवैध कटाई को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने इस बार कार्रवाई नहीं की, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या स्थानीय प्रशासन वास्तव में पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है या फिर वे दबंगों के आगे नतमस्तक हो रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे, तो आने वाले समय में उनके गांव की हरियाली और आर्थिक स्थिति दोनों ही प्रभावित होंगी।

इस प्रकार, फरिहा गांव में आम के पेड़ों की कटाई ने न केवल स्थानीय समुदाय को प्रभावित किया है, बल्कि यह एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जिसे प्रशासन को गंभीरता से लेना होगा।