महंगाई से परेशान पूरी दुनिया पर राज करने वाला देश, लेने जा रहा तीन दशकों बाद सबसे बड़ा फैसला

Bank Of England rate hike: बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के साथ ही सख्त मौद्रिक नीति का दौर शुरू हो जाएगा। ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक के सामने तेजी से बढ़ती महंगाई का मुद्दा बड़ा चैलेंज है
Bank Of England rate hike: बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्याज दरों में 1995 के बाद से सबसे अधिक वृद्धि को लेकर फैसला करने जा रहा है। बता दें कि बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा यह पिछले तीन दशकों में यह सबसे अधिक वृद्धि होगी। अधिकांश निवेशक और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इंग्लैंड का यह केंद्रीय बैंक अपनी बेंचमार्क दर को आधा प्रतिशत बढ़ाकर 1.75% कर देगा। वैश्विक वित्तीय संकट की शुरुआत में 2008 के अंत के बाद से यह उच्चतम स्तर होगा।
बता दें कि इस फैसले के साथ माना जा रहा है कि इंग्लैंड का केंद्रीय बैंक 1.1 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज में से कुछ वापस लेने का प्लान भी पेश करेगा। बता दें कि ब्रिटेन में मुख्य मुद्रास्फीति दर बढ़कर 9.4 फीसदी हो गई है। वहीं रिज़ॉल्यूशन फाउंडेशन थिंक-टैंक के अनुसार 2023 की शुरुआत में यह 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

गौरतलब है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के साथ ही सख्त मौद्रिक नीति का दौर शुरू हो जाएगा। ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक के सामने तेजी से बढ़ती महंगाई का मुद्दा बड़ा चैलेंज है। आज की स्थिति में इंग्लैंड में महंगाई 40 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने दिसंबर से पहले ही पांच बार उधार लेने की लागत बढ़ाई है। बैंक ने जून में कहा था कि अगर मुद्रास्फीति का दबाव और अधिक बना रहता है तो जबरदस्ती कार्रवाई होगी।

इंग्लैंड में महंगाई दर और बढ़ने की आशंका जताई गई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली का कहना है कि इंग्लैंड में इस साल इनफ्लेशन दर 11 फीसदी तक जा सकता है। यह केंद्रीय बैंक के 2 फीसदी टारगेट से बहुत ज्यादा होगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी के बाद गवर्नर एंड्रयू बेली और उनके सहयोगियों पर दबाव तेज हो गया है। जिससे पाउंड का मूल्य कमजोर हो गया है। इस वजह से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।

बैंक ऑफ इंग्लैंड का यह भी मानना है कि ब्याज दर को बढ़ाने में अमेरिका के फेडरल रिजर्व और दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों की तुलना में देरी कर दी है। हालांकि इंग्लैंड के केंद्रीय बैंक के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने से पाउंड की वैल्यू पर भी असर पड़ेगा। इस साल डॉलर के मुकाबले पाउंड अभी तक 10 फीसदी तक गिर चुका है।

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