गणपति महोत्सव में डूबा सुलतानपुर, श्रद्धालु पूजा पंडालों में

in #festival3 days ago

सुल्तानपुर 16 सितम्बरः (डेस्क)सुल्तानपुर जिले में गणपति उत्सव की धूम मची हुई है। इस पर्व के अवसर पर शहर के विभिन्न वार्डों में भव्य गणपति पंडाल सजाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। पंडालों की सजावट में रंग-बिरंगी लाइटों का उपयोग किया गया है, जिससे पूरा शहर और कस्बा जगमगा रहा है।
shahara-ka-rahatatagal-sathata-ganaepata-padal-ma-aayajata-shayama-khata-ka-bhajana-ka-sanata-sharathathhal_13c606f681ba1655a826dfc088fcbcf9.jpeg

गणपति उत्सव के दौरान आरती, हवन-पूजन और भंडारे का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में पंडालों के पास पहुंचकर भगवान गणेश का दर्शन कर रहे हैं और जयकारे लगा रहे हैं। इस पर्व का धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि भक्तगण विघ्नविनाशक गणेश से सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।

हर साल की तरह इस बार भी गणपति उत्सव में स्थानीय समाज की भागीदारी देखने को मिल रही है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और मंदिर समितियों ने मिलकर इस पर्व को भव्य बनाने के लिए प्रयास किए हैं। पंडालों में विशेष सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति गीतों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे भक्तों का मनोबल बढ़ता है।

गणपति उत्सव का यह माहौल न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं, जिससे भाईचारे की भावना मजबूत होती है। पंडालों में आयोजित भंडारे में लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं।

इस वर्ष, सुल्तानपुर जिले में गणपति उत्सव की धूम और भी खास है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पुलिस बल तैनात किया गया है और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

गणपति उत्सव के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। ये कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने का भी एक माध्यम हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी इस उत्सव का आनंद ले रहे हैं।

इस प्रकार, सुल्तानपुर जिले में गणपति उत्सव की धूम हर किसी को आकर्षित कर रही है। श्रद्धालुओं की भक्ति और समाज की एकता इस पर्व को विशेष बनाती है। गणपति बप्पा मोरया!