फतेहपुर जिले में शिक्षा विभाग के दांवो की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां

in #fatehpur2 years ago

फतेहपुर। हुसैनगंज क्षेत्र मे खुले तमाम प्राइवेट विद्यालयों का हाल बेहाल है! यहां के प्राइवेट विद्यालय संचालक विभाग के दावों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे हैं, इन विद्यालय प्रबंधकों द्वारा भारी भरकम फीस लेने के बाद भी विद्यालय में कोई व्यवस्था सही ढंग से नहीं है,बच्चो के लिए इन विद्यालयों में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है खुले आसमान के नीचे बच्चे टॉयलेट करते देखे जाते हैं! फीस लेने के लिए इन बच्चों को डराया धमकाया जाता है और स्कूल से बाहर भी कर दिया जाता है लेकिन अगर बात देखी जाए तो यहां इतनी भारी-भरकम फीस लेने के बावजूद भी कोई व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं है, स्कूल में पंखे तो लगे हैं लेकिन उन्हें चलाए भी नहीं जाता, और ना ही टॉयलेट की व्यवस्था है! इन विद्यालय संचालकों के पास योग्य टीचर भी नहीं है,सिर्फ फीस वसूली के लिए बच्चों को एग्जाम के समय उन्हें डराया धमकाया जाता है कि अगर फीस लेकर नहीं आओगे तो पेपर में बैठने नहीं दिया जाएगा! इन सबके बावजूद शिक्षा विभाग अनदेखी कर रहा है, ऐसे ही विद्यालय संचालकों से बुक सेलर से सेटिंग बनाकर अभिभावकों की जेब ढीली की जा रही है! विद्यालय प्रबंधक ऐसी पुस्तक की लिस्ट बच्चों को देते हैं जो सिर्फ एक ही बुक्सेलर के यहां की होती हैं, और पूरे कस्बे में या क्षेत्र में कहीं भी हो पुस्तक नहीं मिलेगी! इसका भी एक कारण है कि विद्यालय संचालक और बुक्सेलर की सेटिंग होती है कमीशन बाजी की! अगर सूत्रों की माने तो बुक सेलर बच्चों से भारी भरकम रकम वसूलने के बाद स्कूल प्रबंधक को भी कमीशन देते हैं, अगर अभिभावक चाहे कि हम दूसरे जगह से पुस्तक ले ले तो वह हुसैनगंज कस्बे में कहीं भी नहीं मिलेंगी सिर्फ एक ही दुकान के लिए पुस्तक लिखी जाती हैं, और उसी दुकान में मिलती है, पुस्तक विक्रेता मनमाना रेट लगा कर अभिभावकों की जेब ढीली कर रहा है! ऐसा ही एक मामला हुसैनगंज कस्बे के बैंक ऑफ बड़ौदा के समीप स्थित एक बुक्सेलर के यहां देखने को मिला जहां अभिभावक कक्षा 5 की पुस्तक लेने गया तो, मनमाना रेट के अलावा उसे एक पुस्तक उत्कृष्ट गणित की पुरानी थमा दी गई! जिसके अंदर बच्चे का नाम लिखा था,पुस्तक में सवाल भी हल किए गए थे,टीचर से साइन भी थे, जब उस पुस्तक को वापस किया गया तो काफी आनाकानी कर रहा था फिर दबाव बनाने के बाद उसने इस तक को वापस कर दूसरी नई पुस्तक दी, शिक्षा विभाग व स्कूल प्रबंधन की मनमानी से अभिभावकों के साथ हो रही है लूट, सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि अभिभावक जहां से भी चाहे वह अपने बच्चों के लिए बुक काफी खरीद सकें, और इन लूट का सूट से बच सके, लेकिन शिक्षा विभाग सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार आंख बंद किए हुए बैठे हैं!