ज़रूरी नही कि सारे सबक किताबो से ही सीखे जाएं

in #fastcurrent2 years ago

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कुछ सबक ज़िन्दगी और हालात भी सीखा देते है

उमरिया। कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम सरसवाही में स्कूली बच्चे जान हथेली में रखकर घुटने तक पानी से होते हुए स्कूल पहुंच रहे है,ये मामला अत्यंत सवेदनशील है,और गम्भीरता बरतने की ज़रूरत है।अभी हाल में पानी मे डूबने से आरक्षक एवम मासूम की जान पर सवाल बने हुए है,हालांकि शुक्रवार की सुबह प्रशासनिक प्रयासों से आरक्षक का शव मिल गया है,परन्तु अभी भी ग्राम धनवाही में डूबे आदिवासी मासूम का कोई पता नही है,अभी भी परिवार के लोग रुंधे गले से उसके मिलने के भरम में आशान्वित है।ऐसे हालात में गहरे पानी से होते हुए मासूमो का स्कूल पहुंचना और दिन भर पढ़ाई पूरी कर फिर उसी गहरे पानी के रास्ते वापस घर आना खतरनाक ही नही जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल है।मुख्यालय से महज 15 से 20 किमी दूर ग्राम सरसवाही स्थित शा.उच्च.माध्यमिक विद्यालय में वैसे तो मझगवां,बरतराई,ददरौडी,कोडार,बरदोहा,बरबसपुर,खेरवा,सरसवाही सहित आधे दर्जन से अधिक गांव के मासूम अध्ययनरत है,परन्तु तीन गांव बरतराई,ददरौडी,कोडार से आ रहे छात्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग न होने की वजह से इसी बरुहा नदी के गहरे पानी से होकर स्कूल पहुंच रहे है,जो बेहद खरनाक है।
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विदित हो कि ग्राम सरसवाही और ददरोडी को जोड़ने वाली बरुहा नदी पर बना पुल पिछले क़ई सालों पहले क्षतिग्रस्त हो गया था,जिसके बाद से ही ग्रामीण खासा परेशान है,ग्रामीणों के साथ बच्चे भी हर रोज़ जान जोखिम में डालकर घुटने तक पानी से होते हुए स्कूल पहुंच रहे है।