आलू, मक्का के बाद अब मूंगफली अन्नदाताओं के लिए बन रही वरदान

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फर्रुखाबादः आलू, मक्का व मूंगफली की मंदी से किसान पिछले कई वर्षों से झटका खा रहे थे। इस बार आलू के साथ ही मक्का व मूंगफली के भाव में सुर्खी अन्नदाताओं को बड़ी राहत दे रही है। सातनपुर मंडी में इन दिनों मक्का व मूंगफली की बिक्री और लोडिंग का काम तेजी से चल रहा है। आमद भी खूब हो रही है।
पिछले तीन वर्ष से आलू बेल्ट के किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा था। वर्ष 2020 में किसानों ने मंदी के चलते कोल्ड स्टोरेज में ही आलू छोड़ दिया था। आलू खोदने के बाद किसानों ने मक्का की फसल पर उम्मीद जताई थी, लेकिन मक्का का भाव पिछले वर्ष 1400 रुपये से अधिक नहीं बढ़ सका। इससे बमुश्किल लागत ही निकल पाई।इस बार भी आलू की अगैती फसल का भाव ठीक न मिलने से लागत मूल्य भी डूब गया। इसके बाद कुछ किसानों ने गेहूं बो लिया, लेकिन अधिकतर किसानों ने मक्का बोई थी। इस बार मक्का की फसल ठीक हो गई। काली नदी व गंगा रामगंगा के बीच की भूमि पर किसान मूंगफली की बोवाई करते हैं। इस बार मूंगफली की फसल भी ठीक हुई। इसकी लोडिंग राजस्थान व गुजरात के लिए हो रही है। गत वर्ष मूंगफली का भाव 4000 से 4800 रुपये क्विंटल तक रहा था। इस बार मूंगफली 5200 से 5700 रुपये क्विंटल के भाव से बिक रही है। किसान मंडी में ही मूंगफली सुखा रहे हैं। करीब 4000 क्विंटल मूंगफली प्रतिदिन बिक रही है। रैक की लोडिंग से मक्का की आमद भी ठीक है। मक्का का भाव 2025 से 2050 रुपये क्विंटल तक है। वहीं कोल्ड स्टोरेज में आलू की बिक्री तेज हो गई है। आलू का भाव 1400 से 1500 रुपये क्विंंटल तक है। बाहरी प्रांतों के लिए आलू भेजा जा रहा है।