एसपी ने ड्यूटी से गायब ट्रैफिक दरोगा को किया निलंबित

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फर्रुखाबाद में कांवड़ यात्रा के दौरान ड्यूटी से नदारद मिले ट्रैफिक के दरोगा को एसपी आलोक प्रियदर्शी ने निलंबित कर दिया। दरोगा ने एक दिन पहले यातायात प्रभारी और सीओ पर गंभीर आरोप लगाकर एसपी को प्रार्थना पत्र दिया था।

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imagecredit:Times of india

कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक दरोगा की अनुपस्थिति पर कार्रवाई
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ भरने के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त की गई हैं और सिपाही से लेकर दरोगा और अधिकारियों तक की ड्यूटी लगाई गई है।
हालांकि, 21 जुलाई को कादरी गेट थाना क्षेत्र के पांचाल घाट पर ट्रैफिक के दरोगा विष्णु दुबे की ड्यूटी लगाई गई थी। सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह ने ड्यूटी की जांच की तो वह स्थान छोड़कर टिन शेड में बैठे मिले। मामले में सीओ ने रिपोर्ट तैयार कर एसपी को भेजी। इस पर एसपी आलोक प्रियदर्शी ने ट्रैफिक दरोगा विष्णु दुबे को निलंबित कर दिया।

कांवड़ यात्रा का महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है और इस महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना से भगवान भोलेनाथ आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। इसका एक आसान उपाय कावड़ यात्रा भी है। इसके अनुसार शिवभक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा निकालते हैं और पवित्र नदी का जल लेकर कठिन व्रत का पालन करते हुए घर के पास या किसी पौराणिक शिवालय में हर सोमवार जल अर्पित करते हैं।
कांवड़ यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु बांस की लकड़ी पर दोनों ओर टिकी हुई टोकरियों और कलश से कांवड़ तैयार करते हैं या खरीदते हैं। बाद में इसी कांवड़ को सुदूर ले जाकर कलश में पवित्र नदी से गंगाजल भरकर लौटते हैं। कांवड़ यात्रा में शामिल शिवभक्तों को कांवडि़या कहा जाता है।

मान्यता है कि कांवड़ यात्रा से भक्त की मनोकामना पूरी होती है और यह शिव भक्ति का एक रास्ता तो है ही साथ ही व्यक्तिगत विकास में भी सहायक है। कांवड़ यात्रा जीवन यात्रा का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य अनुशासन, सात्विकता और वैराग्य के साथ ईश्वरीय शक्ति से जुड़ना है।