पीलीभीत के किसानों का आरोप: फैक्ट्री में नौकरी का झांसा देकर जमीन खरीद ली गई।
पीलीभीत 11 सितम्बर:(डेस्क)पीलीभीत में बरेली-सितारगंज हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले का पर्दाफाश होता जा रहा है। सोमवार को जांच करने पहुंची अपर आयुक्त प्रीति जायसवाल ने सेटेलाइट की तस्वीरों का विश्लेषण किया, जिसमें अधिसूचना जारी होने के बाद अमरिया और जहानाबाद क्षेत्र में मुआवजा हड़पने की नीयत से बैनामे और खाली भूखंडों पर निर्माण कराए जाने का खुलासा हुआ।
उद्यमियों ने अफसरों-कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन हड़पने का खेल किया। अमरिया निवासी किसान हसीब खां ने अपर आयुक्त को बताया कि खरीदारों ने उन्हें अच्छी रकम देने के साथ ही फैक्टरी लगाकर उनके दो पुत्रों को प्रति माह 35 हजार रुपये की नौकरी देने का झांसा देकर जमीन खरीद ली, लेकिन ढांचा बनाकर मुआवजा हड़पने के बाद संपर्क खत्म कर दिया
अपर आयुक्त ने सेटेलाइट की तस्वीरों का विश्लेषण करने पर पाया कि वर्ष 2022-23 में संबंधित भूखंडों पर कोई ढांचा नहीं था। इसके बाद ही वहां निर्माण कराए गए। अधिसूचना जारी होने के बाद कई भूखंडों का बैनामा होने की बात सामने आई। इस दौरान जिम्मेदार बेपरवाह बने रहे। किसानों ने अफसरों के सामने लेखपालों की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
अपर आयुक्त ने जहानाबाद क्षेत्र के उगनपुर, सरदारनगर, हुसैननगर सहित अमरिया क्षेत्र के कई गांवों में जाकर मौके की पड़ताल और किसानों से बातचीत की। भू उपयोग बदलवाए बिना ही भवन का निर्माण कराने का मामला सामने आया। सदर और अमरिया तहसील के अफसरों ने ऐसे भवनों को चिह्नित कर जमीन के मालिक का नाम शामिल करते हुए बरेली से आई टीम को रिपोर्ट भी सौंपी।
बरेली से अपर आयुक्त के नेतृत्व में टीम आई थी। सदर तहसील के एसडीएम देवेंद्र सिंह ने मौके पर जाकर उन्हें जरूरी जानकारी दी। जांच में सामने आया कि अधिसूचना जारी होने के बाद कई भूखंडों का बैनामा हुआ। इससे पता चलता है कि भू माफियाओं ने अफसरों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन हड़पने का खेल किया।
किसानों का आरोप है कि खरीदारों ने उन्हें झांसा देकर जमीन खरीदी और मुआवजा हड़पने के बाद संपर्क खत्म कर दिया। अपर आयुक्त ने सेटेलाइट की तस्वीरों का विश्लेषण करके यह भी पता लगाया कि वर्ष 2022-23 में संबंधित भूखंडों पर कोई ढांचा नहीं था, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद वहां निर्माण कराए गए।
जांच में लेखपालों की भूमिका पर भी सवाल उठे। किसानों का कहना है कि लेखपालों ने भी इस घोटाले में अहम भूमिका निभाई। अपर आयुक्त ने इस मामले में गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में अब तक दो बड़े अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। किसानों का कहना है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में गहराई से जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।