Farmers Income: किसानों की आय तो बढ़ी पर सुधार की और जरूरत
: सार
महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कॉटन किसानों की आय 2018 से 2022 में दोगुना हो गई। बाकी फसलों और राज्यों में यह 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी।
विस्तार
सरकार ने डबलिंग फार्मर्स इनकम (डीएफआई) नाम से 13 अप्रैल, 2016 को एक कमेटी गठित की थी। इसका मकसद 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करना था। इन 6 सालों में कुछ किसानों की आय तो दोगुनी हुई, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सभी किसानों की आय डेढ़ गुना बढ़ी है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है अब भी किसानों की स्थिति सुधारने और आय को बढ़ाने के लिए भागीरथी प्रयास की जरूरत है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका तकनीक की हो सकती है।
: रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों की आय 2022-23 तक दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, फसल बीमा, केसीसी और मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ई-नाम व फूड पार्क जैसी योजनाओं को लागू करने और तेजी लाने की कोशिश होनी चाहिए। महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कॉटन किसानों की आय 2018 से 2022 में दोगुना हो गई। बाकी फसलों और राज्यों में यह 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी।
एक दिन में केसीसी के नवीनीकरण में लगेंगे 23 लाख कर्मचारी
केसीसी की नवीनीकरण प्रक्रिया बोझिल है। इससे बैंकों का समय और संसाधन बर्बाद होता है। एक केसीसी के नवीनीकरण में कम-से-कम एक घंटा लगता है। ऐसे में एक दिन में 7 करोड़ से ज्यादा केसीसी के नवीनीकरण में करीब 23 लाख कर्मियों की जरूरत पड़ेगी।
51 फीसदी किसानों को ही कर्जमाफी का फायदा
इस रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2022 के दौरान 3.7 करोड़ किसानों के कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए गए।मार्च, 2022 तक केवल 51% किसानों को ही कर्जमाफी की रकम मिली है। इसका कारण राज्य सरकारों ने दावों को खारिज कर दिया साथ ही सरकारों के बदलने से भी असर हुआ। 2017 में उत्तर प्रदेश में 39 लाख किसानों के 36,000 करोड़ रुपये माफ हुए। मार्च तक केवल 52 फीसदी किसानों को ही इसका फायदा मिला
2017 से 1.7 गुना बढ़ी किसानों की आय
एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से अब तक किसानों की आय 1.7 गुना बढ़ी है। जबकि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 1.5 से 2.3 गुना बढ़त हुई है।
महाराष्ट्र में ज्यादा कर्ज माफ
महाराष्ट्र में 2017 में 67 लाख किसानों का 34,000 करोड़ का कर्ज माफ हुआ। पर केवल 68% को इसका फायदा मिला। 2020 में इसने फिर से 44 लाख किसानों का 45,000 करोड़ का कर्ज माफ किया। इस बार 91% किसानों को लाभ मिला। 2018 में पंजाब में 8 लाख किसानों का 10,000 करोड़, मध्य प्रदेश में 48 लाख किसानों का 36,500 करोड़ रुपये माफ किया गया।