बॉलीवुड की वो अदाकारा व गायिका जिन्हें 'मलिका-ऐ-हुस्न', मलिका-ऐ-तरन्नुम' व मलिका-ऐ-अदाकारी'
बॉलीवुड की वो अदाकारा व गायिका जिन्हें 'मलिका-ऐ-हुस्न', मलिका-ऐ-तरन्नुम' व मलिका-ऐ-अदाकारी' जैसे ख़िताबों से नवाज़ा गया। ये थीं गायिका व अभनेत्री सुरैया जी। जिनका पूरा नाम था 'सुरैया ज़माल शेख़'। आज इनकी जयंती पर श्रद्धासुमन
सुरैया जी का जन्म १५ जून १९२९ को कराची (पाकिस्तान) में अज़ीज़ ज़माल शेख़ / मुमताज़ बेग़म के घर हुआ था। और इनकी दो वर्ष की आयु में ही इनका परिवार मुंबई आ गया था।
सुरैया जी ने अपना फ़िल्मी सफर बतौर बाल-कलाकार १९३६ में फ़िल्म (Madame Fashion) से किया जिसका निर्देशन जद्दनबाई ने किया था। बतौर अभनेत्री इनकी शुरुआत फ़िल्म 'ताज़-महल' से हुई। और गायन की शुरुआत १९४२ में फ़िल्म 'नई दुनिया' से की। उस समय ये मात्र १२ वर्ष की थीं।
सुरैया जी १९३६ से १९६३ तक फिल्मों में सक्रिय रहीं। इस दौरान इन्होंने करीब ६७ फिल्में की और ३३८ गानों को अपनी आवाज दी। इनकी प्रमुख फ़िल्में रहीं ~ तदबीर , फूल , अनमोल घड़ी, दिल्लगी, दुनिया, मिर्ज़ा-ग़ालिब , दर्द , दास्तान , शमा, दीवाना, बालम , प्यार की जीत इत्यादि।
बॉलीवुड में सुरैया जी को ऐसी गायिका-अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपने सशक्त अभिनय और जादुई पाश्र्वगायन से लगभग चार दशक तक सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाए रखा।
उस समय के हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार देवानंद जी से इन्हें प्यार हुआ। दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे। पर मज़हब की दीवार आड़े आ गई और ये शादी न हो सकी। इसके बाद सुरैया जी आजीवन कुंवारी रहीं। ३१ जनवरी २००४ को इस खूबसूरत अदाकारा व गायिका ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।