ड्राइवर से करोड़पति बने विजय शर्मा, खुद को सपा नेता बताने वाले पोस्टर शहर में लगाए गए

in #fake6 days ago

बरेली 13 सितम्बरः(डेस्क)बरेली में फर्जी डिग्री मामले में जेल भेजे गए शेर अली जाफरी के सहयोगी और फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड डॉ. विजय शर्मा की कहानी बेहद दिलचस्प और विवादास्पद है। विजय शर्मा, जो पहले एक मामूली चालक था, अब करोड़पति बन चुका है और खुद को सपा नेता के रूप में प्रचारित कर रहा है। उसकी डॉक्टरी की डिग्री, अस्पताल और कंसल्टेंसी सभी फर्जी बताई जा रही हैं।

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विजय शर्मा का उदय

विजय शर्मा का नाम तब सुर्खियों में आया जब उसने शहर में सपा नेता के रूप में चुनावी प्रचार शुरू किया। उसने कैंट क्षेत्र में चुनावी पोस्टर लगवाए, जिसमें उसे एक नेता के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि, उसके फर्जी डिग्री के मामले का भंडाफोड़ होने के बाद वह फरार हो गया है। पुलिस अब उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) लेने और उसे पकड़ने के लिए इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है।

प्रारंभिक जीवन और करियर

करीबी लोगों के अनुसार, विजय शर्मा सुभाषनगर के शांति विहार का निवासी है। कुछ साल पहले तक वह एक कंसल्टेंसी चलाने वाले पीके शर्मा का ड्राइवर था। चर्चा है कि विजय ने हाईस्कूल भी पास नहीं किया है, लेकिन पीके शर्मा के साथ बड़े लोगों के बीच उठने-बैठने के दौरान उसने अपनी पहचान बनाई। इसके बाद उसने अपनी खुद की कंसल्टेंसी खोल ली, जिससे उसने जाफरी के साथ अनुबंध किया और छात्रों को फर्जी डिग्री के माध्यम से बेवकूफ बनाना शुरू किया।

फर्जी डिग्री का कारोबार

विजय शर्मा और शेर अली जाफरी ने मिलकर छात्रों को फर्जी डिग्री देने का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया। उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थाओं से संबद्धता के नाम पर छात्रों को धोखा दिया। इसके अलावा, विजय ने प्रॉपर्टी के धंधे में भी हाथ आजमाया और इस माध्यम से भी उसने काफी धन कमाया।

पुलिस की कार्रवाई

फर्जी डिग्री मामले में विजय शर्मा के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। जब उसके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ, तो वह फरार हो गया। पुलिस अब उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट लेने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही, विजय शर्मा पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है, ताकि उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।