स्वयंसेवक एक साधक के रुप में कार्य करें-राजेन्द्र तिवारी

in #event2 years ago

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन संपन्न
अनूपपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व में कार्य करने वाला एकमात्र गैर राजनैतिक सामाजिक संगठन है। इसके विविध आयाम हैं। धर्मजागरण के लिये लाखों स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हम किसी धर्म को तोड़ने, उनके अनुयाईयों को हेय मानने की विचारधारा नहीं रखते। हम भारत को विश्व पटल पर वैभव के शिखर पर मजबूती से स्थापित करने के लिये जाति, धर्म, भाषा, प्रांत का भेद किये बिना, सामाजिक समरस भाव से कार्य कर रहे हैं। अनूपपुर में रविवार, 9 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के पथ संचलन उपरांत सेवा भारती कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यवक्ता, सामाजिक समरसता विभाग प्रमुख राजेन्द्र तिवारी ने उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में समता, सद्भावना, एकता का भाव संघ के वरिष्ठ जनों ने वर्षों से प्रसारित करने का कार्य किया है। जब समरसता हमारे मन में होगा तो वह हमारे आचरण में-कार्य व्यवहार में दिखने लगता है। अन्तर्राष्ट्रीय जगत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व बंधुत्व की भावना से कार्य कर रहा है। संतोष वर्मन, मनोज द्विवेदी, डा. देवेन्द्र तिवारी, विवेक बियाणी, हरिशंकर वर्मा, पुष्पेन्द्र मिश्रा, हीरा कहार, दिलीप शर्मा,आनंद राम गौतम, जीवेन्द्र मानू तिवारी, नीरज के साथ कार्यक्रम में उपस्थित संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि अनादि काल से संस्कारित हिन्दू परिवार स्वयंसेवक ही थे। सभी जाति,पंथ,धर्म का सम्मान, अतिथि देवोभव की भावना, राष्ट्र प्रथम की विचारधारा, स्वस्थ तन-मन-मष्तिष्क युक्त युवाओं का निर्माण संघ की शाखा का प्रमुख उद्देश्य रहा है। हमारे जनजातीय समाज के लोग वनों, संस्कृति के संरक्षण का कार्य सदियों से कार्य कर रहे हैं। हम सनातन धर्मी प्रकृति पूजक हैं। हम वृक्ष, जल, मिट्टी, अग्नि, आकाश, पर्वत, वायु, नदी, तालाब, कुंओं की पूजा करते हैं। यह प्रकृति से हमें सीधे जोड़ने का कार्य करता है। पर्यावरण संरक्षण स्वयंसेवकों का परम कर्तव्य है। प्रत्येक स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ स्वस्थ, मजबूत रहते हुए समाज को जोड़ने, उसकी मजबूती, उसके कल्याण के लिये कार्य करता है।मुख्य वक्ता के रुप में श्री तिवारी ने स्वयंसेवकों से नियमित शाखा लगाने, श्रेष्ठ कार्य करने और जाति-पंथ से ऊपर उठकर देश को मजबूत करने का कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि निरू स्वार्थ भाव से समाज की सेवा का कार्य करें यही राष्ट्र साधना है। जो राष्ट्र की सेवा, सुरक्षा, समभाव को लिये कार्य को तत्पर रहे, वही सच्चा स्वयंसेवक है। स्वयंसेवक संकटकाल में आगे बढ कर जनसेवा करता है। आत्मबल, चरित्रबल मजबूत होगा तो हम आत्मतत्व और परमात्म तत्व को मजबूत कर पाएगें। इससे पूर्व प्रातरू 9.30 बजे गणवेश धारी अनुशासित स्वयंसेवकों ने नगर के मुख्यमार्ग पर पथ संचलन किया। संघ कार्यालय से प्रारंभ हुआ पथ संचलन इंदिरा चैक, शंकर मन्दिर चैराहे से होकर वापस संघ कार्यालय में पूर्ण हुआ। पथ संचलन के दौरान अनुशासित स्वयंसेवकों ने देश भक्ति पूर्ण गायन किया तथा ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए पूर्ण अनुशासित पथसंचलन कर नगरवासियों का ध्यानाकर्षण किया। प्रशासन एवं कोतवाली पुलिस ने पथ संचलन के दौरान सराहनीय उपस्थिति दर्ज कराई।