एमसीएच भवन निर्माण पूरा होने से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगे बीम
एटा। करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज में एमसीएच (मातृ शिशु अस्पताल) का भवन बनाया जा रहा है। काम पूरा होने से पहले ही इसके प्रथम तक की बीम क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। इनमें लंबी दरारें आ गई हैं। ऐसे में यहां बाल रोग, ईएनटी, स्त्री प्रसूति रोग की ओपीडी के साथ ही टीकाकरण भी इसी तल पर होता है। ऐसे में यहां आने वाले मरीज, तीमारदार, और स्वास्थ्य कर्मी सहमे-सहमे रहते हैं।वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में आठ मंजिला 100 शैया एमसीएच विंग का निर्माण कार्य 21.98 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। भवन का निर्माण पूरा न होने की वजह से यह स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द नहीं हो सका है। हालांकि मेडिकल कॉलेज के लिए शर्तों के चलते इसके चार तलों पर चिकित्सा कार्य शुरू करा दिया गया है। प्रथम तल पर सीढ़ियों से चढ़ने के बाद ही लिंटर में दो बीम डाले गए हैं। दोनों में ही बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और यह हिस्सा क्षतिग्रस्त होने लगा है। इसी तल पर मरीजों की ओपीडी भी चल रही है। इस कारण इसे देखकर लोग सहमे-सहमे रहते हैं। यही नहीं करोड़ों रुपये की लागत से बन रही बहुमंजिला इमारत के निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। क्षतिग्रस्त होने के बाद यह साफ हो गया है कि गुणवत्ता की कहीं न कहीं चूक तो हुई ही है।तीन साल था वक्त, छह साल बाद भी भवन अधूरा
विंग का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में शुरू किया गया था, जिसे तीन वर्ष में पूर्ण करना था। छह साल बीत चुके हैं। इसके बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है। दूसरी ओर से भवन क्षतिग्रस्त होने लगा है। इससे यहां आने वाले लोग सहमे-सहमे भी रहते हैं।
बोले मरीज ....
एमसीएच विंग में इलाज कराने के लिए ओपीडी में गया था। यहां प्रथम तल पर बीमों में दरारें देखीं तो काफी डर लगा। इतनी ऊंची बिल्डिंग में अभी से दरारें आ गईं हैं तो कहीं कोई हादसा नहीं हो जाए।
- रवी कुमार, बरौली
अस्पताल की सबसे ऊंची बिल्डिंग में अभी भी काम चल रहा है, दूसरी ओर से टूटती जा रही है। निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता का कतई ध्यान नहीं रखा गया है, इसकी वजह से बीम टूटने लगे हैं।लक्ष्मण सिंह, भलाईपुर
100 शैया मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य समय से पूरा न होने और गुणवत्ता की कमी होने की वजह से अभी तक भवन को सुपुर्दगी में नहीं लिया गया है। इन्हीं वजहों के चलते कार्यदायी संस्था को शासन स्तर पर ब्लैक लिस्टेड कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भवन को सुपुर्दगी में लेने से पहले दुरुस्त कराने का कार्य कराया जाएगा। - डॉ. विवेक पाराशर, मीडिया प्रभारी, मेडिकल कॉलेज
मौसम की वजह से कभी कभी प्लास्टर में हल्की दरारें आ सकती हैं। यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। इसकी उचित तरीके से मरम्मत करा दी जाएगी। - जगदीश सिंह, साइट इंजीनियर एचएससीसी