Etah: अमृतपुर में 20 साल पहले रखी गई थी विद्यालय की आधारशिला, अभी तक अधूरी है इमारत

in #etah2 years ago

बीएसए संजय सिंह ने बताया कि मामला काफी पुराना है और संज्ञान में है। उस समय निर्माण को लेकर कुछ विवाद की स्थिति रही, जिसके चलते विद्यालय को दूसरे गांव में बनवा दिया गया। इस निर्माण को भी पूरा कर प्राथमिक विद्यालय बनवाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है।Screenshot_2022-09-06-20-28-36-31_9917c490a6e042b6281de550e45a1525.jpg
एटा के जैथरा विकासखंड क्षेत्र के गांव अमृतपुर में 20 साल पहले उच्च प्राथमिक विद्यालय की आधारशिला रखी गई। इसका निर्माण भी शुरू हुआ, लेकिन राजनीति के चलते बजट का अभाव बताते हुए बीच में काम रोक दिया गया। आज तक विद्यालय पूरा नहीं बन सका। गांव में प्राथमिक विद्यालय तक नहीं है और बच्चों को दो से पांच किमी दूर अन्य गांवों में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है।लिंटर पड़ने की बारी आई तो रुक गया काम
गांव की आबादी लगभग 6000 की है। यहां प्रस्तावित प्राथमिक विद्यालय को तीन किमी दूर नगला भौकरिया में बनवा दिया गया। बाद में यहां के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत हुआ। वर्ष 2002-03 में इसके निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई और निर्माण शुरू कर दिया गया। ढांचा तैयार हो गया, लेकिन जब लिंटर पड़ने की बारी आई तो काम रुक गया। दरअसल, बजट नजदीकी प्राथमिक विद्यालय सर्रा के हेडमास्टर के खाते में आया था। जबकि तत्कालीन प्रधान का कहना था कि उनके माध्यम से कार्य कराया जाए। इसके बाद अब तक निर्माण पूरा नहीं हो सका और बना हुआ ढांचा खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

बन गया चारागाह
विद्यालय का प्रांगण पशुओं का चारागाह बना हुआ है। आसपास गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। ग्रामवासियों ने शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के यहां फरियाद पहुंचायी। चुनाव के दौरान नेताओं के सामने शर्त रखीं, जिस पर आश्वासन मिले। लेकिन जीतने के बाद किसी जनप्रतिनिधि और सरकार ने निर्माण पूरा कराने के लिए पहल नहीं की।

ये बोले गांव के लोग
उज्जवल सिंह ने बताया कि 'मैंने नजदीकी विद्यालय की एक शिक्षिका से बात की तो उन्होंने कहा कि अपने प्रधान से कहकर इसमें रसोई और शौचालय की व्यवस्था करवा दो, जिससे स्कूल चल सके।' वहीं नंदराम ने बताया कि गांव में कोई सरकारी स्कूल नहीं है। हम लोगों के बच्चे दूसरे गांव के स्कूलों में जाते हैं। लेकिन दो से पांच किमी दूर भेजने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

ये कहते हैं अधिकारी
एबीएसए सुरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान से बात हो चुकी है, उनके द्वारा कार्य योजना में रसाई एवं शौचालय प्रस्ताव पास हो चुका है, निर्मित होते ही पुन: संचालिका को आदेशित कर दिया जाएगा। वहीं प्रधान भूपसिंह वर्मा ने कहा कि 'मेरे प्रधान बनने से पूर्व से ही यह स्कूल अधूरा पड़ा था। मैं प्रयासरत हूं कि शीघ्र ही अमृतपुर के लोगों के शिक्षा की मंशा पूरी कर सकूं।' बीएसए संजय सिंह ने बताया कि मामला काफी पुराना है और संज्ञान में है। उस समय निर्माण को लेकर कुछ विवाद की स्थिति रही, जिसके चलते विद्यालय को दूसरे गांव में बनवा दिया गया। इस निर्माण को भी पूरा कर प्राथमिक विद्यालय बनवाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है।