सीआरपीएफ के 80 जवान 21 महीने से कर रहे हैं बिटिया के घरवालों की सुरक्षा

in #etah2 years ago

संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस।बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में पिछले 21 माह से सीआरपीएफ के 80 जवान बिटिया के परिजनों की सुरक्षा में तैनात हैं।निमहोत्रा का कहना है कि बिटिया के परिजनों की गवाही हो चुकी है।खुद बिटिया के परिजनों ने लोकतंत्र में आस्था जताई थी।
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बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में पिछले 21 माह से सीआरपीएफ के 80 जवान बिटिया के परिजनों की सुरक्षा में तैनात हैं। चंदपा के गांव रोहई में सीआरपीएफ का कैंप कार्यालय भी बना है। यह मामला जब सुर्खियों में आया तब बिटिया के परिजनों को सुरक्षा देने की बात भी आई। मामले का सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। नवंबर 2020 से बिटिया के परिजनों की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है।
80 जवान अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। मेटल डिडेक्टर से लेकर सीसीटीवी कैमरे वहां लगा दिए गए हैं। वहां रह रहे सभी परिजन सुरक्षा के कड़े घेरे में रह रहे हैं। उनके साथ सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी जाती है।अभियुक्तों को मिलेगी कड़ी से कड़ी सजा : निमहोत्रा
बिटिया के पक्ष की ओर से मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा पैरवी कर रही हैं। उनके साथ ही स्थानीय वकील महीपाल सिंह निमहोत्रा भी पैरवी कर रहे हैं। निमहोत्रा का कहना है कि बिटिया के परिजनों की गवाही हो चुकी है। अब इस केस की मुख्य विवेचक सीबीआई की अपर पुलिस अधीक्षक सीमा पाहुजा की गवाही चल रही है। उनका कहना है कि जल्द ही सुनवाई पूरी हो जाएगी और अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
दो साल में बदल चुका है गांव का माहौल
दो साल में गांव का माहौल पूरी तरह से बदल चुका है। घटना के बाद शुरू में जरूर इलाके में जातीय तनाव देखने को मिला था लेकिन अब गांव में ऐसी स्थिति नहीं है। सब कुछ सामान्य है। ज्यादातर ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आपस में सद्भाव है। इस घटना ने जरूर गांव की शांति व्यवस्था को पलीता लगा दिया था।
अब गांव में पूरी तरह से शांति कायम है। सब एक दूसरे के काम आते हैं। गांव में पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव और उसके बाद विस चुनाव में वोट डाले गए। खुद बिटिया के परिजनों ने लोकतंत्र में आस्था जताई थी। ग्रामीणों का कहना है कि सभी को न्यायपालिका पर भरोसा है और फैसले का इंतजार है।