सरयू व भादा नदी का कहर, कटान तेज

in #erosion20 hours ago

बहराइच 19 सितंबर : (डेस्क) सरयू और भादा नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद कटान तेज।बाढ़ के पानी ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ाईं।नदी के किनारे रहने वाले लोग परेशान।

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बहराइच जिले के मिहींपुरवा और बौंडी तहसीलों में हाल ही में आई बाढ़ ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई है। सरयू और भादा नदी का जलस्तर भले ही कम हो गया हो, लेकिन इससे संबंधित दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जलस्तर घटने के साथ ही नदी ने कटान तेज कर दिया है, जिससे आसपास के गांवों में खतरा बढ़ गया है।

बाढ़ के पानी ने कई गांवों को प्रभावित किया है, जिससे स्थानीय निवासियों की जीवनशैली में भारी बदलाव आया है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, और ग्रामीणों को अपने घरों से evacuate होना पड़ा है। इस स्थिति ने लोगों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से परेशान किया है।

स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन प्रभावित लोगों की समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। कई परिवार ऐसे हैं जो अभी भी अपने घरों में बाढ़ के पानी के बीच फंसे हुए हैं। प्रशासन ने राहत सामग्री वितरित करने का काम शुरू किया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

नदियों के कटाव के कारण कई घर भी खतरे में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कटान रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए और स्थायी समाधान खोजा जाए।

इस बीच, स्थानीय लोग भी एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। समाजसेवी संगठन और स्थानीय नेता भी राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को सहायता प्रदान की है और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करने का प्रयास किया है।

हालांकि जलस्तर कम होने से कुछ राहत मिली है, लेकिन बाढ़ के बाद की चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल तात्कालिक राहत प्रदान करे, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए स्थायी उपाय भी विकसित करे।

इस प्रकार, बहराइच जिले में बाढ़ की स्थिति ने न केवल लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है जिसे समय पर हल करने की आवश्यकता है।