कासगंज में गंगा किनारे लगेंगे भारत के सबसे बड़े दो मानव सृजित वन

in #environment2 years ago

UP कासगंज: World Environment Day के अवसर पर कासगंज में प्रकृति से जुड़ा एक बड़ा संकल्प लिया गया है। कासगंज प्रशासन ने इस संकल्प के साथ एक बड़ी शुरुआत कर दी है। अगर यह संकल्प पूरा हो पाता है तो जिला कासगंज पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत ही नहीं वल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित करेगा। जहां बीते 3 वर्षों में कासगंज स्थित गंगा किनारे की 412 हेक्टेयर भूमि पर गंगा वन और भागीरथ वन की स्थापना की गई है, वहां अब अगले 5 वर्षों में गंगा किनारे की 534 हेक्टेयर भूमि पर “मां पाटलावती” और “भगवान वराह” के नाम से दो नए वन क्षेत्र विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।

मां पाटलावती और भगवान वराह के नाम से विकसित होंगे दो नए वन-
कासगंज DM हर्षिता माथुर ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कासगंज एक बड़ा रोल मॉडल बनकर उभर रहा है। बीते कुछ वर्षों में जिले में गंगा वन और भागीरथ वन के नाम से दो वन क्षेत्र विकसित किए जा चुके हैं। वहां अब प्रशासन द्वारा मुक्त कराई गई गंगा व बूढ़ी गंगा किनारे की सैकड़ों हेक्टेयर अनुपयोगी भूमि पर दो और नए वन क्षेत्र विकसित करने की योजना का लक्ष्य निर्धारित कर उस पर काम शुरू कर दिया गया है। इन नए वन क्षेत्र के नामकरण पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है, लेकिन प्राथमिक तौर पर यह तय किया गया है कि तहसील पटियाली में मां पाटलावती और तहसील कासगंज में भगवान वराह के नाम से ही इन वन क्षेत्रों का नामकरण किया जाएगा।

एक वर्ष में 25 लाख पौधे रोपित करने का है लक्ष्य-
कासगंज CDO तेजप्रताप मिश्रा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जिला कासगंज एक अग्रणी भूमिका में है। इस वर्ष 2022-2023 के दौरान कासगंज में 25 लाख 8 हज़ार पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन पौधों को दो नए वन क्षेत्रों में रोपित करने के साथ साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत की सरकारी भूमि व नदियों झीलों पोखरों तालाबों के तटों पर रोपित किए जाने की योजना है। World Environment Day अर्थात 5 जून 2022 से इस महा अभियान की शुरुआत कर दी गई है। वहीँ जिन दो नए वन क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है, उन वन क्षेत्रों का व उनमें बनने वाली आंतरिक वाटिकाओं का नामकरण स्थानीय इतिहास से जुड़े देवताओं व महानायकों के नाम पर किया जाएगा।

251 प्रजातियों के पौधों का होगा रोपण-
कासगंज DFO हरिशंकर शुक्ला ने बताया कि बीते 3 वर्षों में अर्थात वर्ष 2019 से 2022 के दौरान जहां गंगा वन की 97 हेक्टेयर भूमि पर 1 लाख 11 हज़ार व भागीरथ वन की 315 हेक्टेयर भूमि पर 251 प्रजातियों के 3 लाख 51 हज़ार पौधे रोपित किये गए हैं। वहीँ वानिकी के लिए आरक्षित भूमि पर दो नए वन क्षेत्र विकसित करने का भी काम शुरू कर दिया गया है। तहसील पटियाली स्थित ग्राम नरदौली के करीब मां पाटलावती वन में 434 हेक्टेयर भूमि पर अगले 5 वर्षों अर्थात वर्ष 2022-2027 के दौरान 5 लाख से अधिक पौधे रोपित किए जाएंगे व इस वर्ष 2022-2023 के दौरान तहसील कासगंज स्थित कुमरौआ के करीब भगवान वराह वन में 80 हेक्टेयर भूमि पर 1 लाख 1 हज़ार पौधे रोपित किए जाएंगे। पौधा रोपण हेतु पहले चरण के खड्डा खोदने का काम पूरा कर लिया गया है। इन वन क्षेत्रों में खैर पापड़ी कंजी शीशम देसी सेमल जंगल जलेबी बेल नीम जामुन आम पीपल सहित 251 प्रजातियों के पौधों को रोपित करने की योजना है।PSX_20220605_084226.jpg