आज से हंसना रूठना व मनाना तुम्हारे नाम किया

चित्रकूट 16 सितंबर:(डेस्क)चित्रकूट के पुरानी बाजार स्थित कोतवाली परिसर में हाल ही में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के कई प्रतिष्ठित कवियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा देना और कविता के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करना था।

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आयोजन की तैयारी
इस कवि सम्मेलन की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। आयोजकों ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की थीं, जिसमें मंच सजावट, प्रकाश व्यवस्था और श्रोताओं के बैठने की व्यवस्था शामिल थी। कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई, जिसने एक धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल बनाया।

कवियों का प्रदर्शन
कवि सम्मेलन में विभिन्न शैलियों के कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कुछ कवियों ने हास्य-व्यंग्य पर आधारित कविताएं सुनाईं, जबकि अन्य ने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
हास्य कविताएं: हास्य कवि ने अपनी चुटीली रचनाओं से दर्शकों को हंसाया। उनके शब्दों में ऐसी मिठास थी कि श्रोतागण हंसते-हंसते लोटपोट हो गए।
सामाजिक मुद्दे: कुछ कवियों ने समकालीन समस्याओं जैसे बेरोजगारी, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर अपनी गहरी और विचारशील रचनाएं प्रस्तुत कीं। इन कविताओं ने श्रोताओं को सोचने पर मजबूर किया और समाज में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया।
प्रेम और रोमांस: प्रेम कविता सुनाने वाले कवियों ने अपने भावनात्मक शब्दों से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। उनकी रचनाएं प्रेम की गहराइयों को उजागर करती थीं और श्रोताओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाती थीं।

श्रोताओं की प्रतिक्रिया
कवि सम्मेलन में उपस्थित दर्शकों ने कवियों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। हर कविता के बाद तालियों की गड़गड़ाहट और सराहना का दौर चलता रहा। लोग न केवल सुनने आए थे, बल्कि वे कविता के प्रति अपनी रुचि भी साझा कर रहे थे।

सांस्कृतिक महत्व
इस प्रकार के आयोजनों का सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह न केवल साहित्यिक समुदाय को एकत्रित करता है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करता है कि वे साहित्य और कविता के प्रति रुचि विकसित करें।

निष्कर्ष
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ने चित्रकूट में एक नई ऊर्जा का संचार किया। इसने न केवल स्थानीय लोगों को एकत्रित किया, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों से आए कवियों ने अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रकार के आयोजनों से साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनता है।
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि कविता केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम है। सभी उपस्थित लोगों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों की अपेक्षा व्यक्त की।