मंगेश एनकाउंटर: दो दिन बीत जाने के बावजूद, किसी ने नहीं दिए बयान

सुल्तानपुर 13 सितम्बरः (डेस्क)मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रेटी जांच में अब तक कोई भी गवाह नहीं पहुंचा

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सुल्तानपुर जिले में एक लाख के इनामी डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर मामले की मजिस्ट्रेटी जांच में अब तक कोई भी गवाह अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है। एसडीएम विदुषी सिंह ने इस मामले में आमजन से साक्ष्य मांगने के लिए गजट जारी किया है।

मंगेश यादव का एनकाउंटर
28 अगस्त को कोतवाली नगर के ठठेरी बाजार में सर्राफ भरत जी सोनी के यहां हुई करोड़ों की डकैती में वांछित एक लाख के इनामी जौनपुर के मंगेश यादव उर्फ कुंभे को एसटीएफ ने 31 अगस्त को मिश्रपुर पुरैना के पास मुठभेड़ में मार गिराया था।

इस एनकाउंटर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगेश यादव की हत्या होने का आरोप लगाया है और कहा कि यह पहला झूठा एनकाउंटर नहीं है। उन्होंने कहा कि रात में पुलिस आई और मंगेश को उठाकर ले गई। अखिलेश ने कहा कि यूपी में अन्याय की सीमा टूट गई है और एनकाउंटर को लेकर झूठी कहानी पढ़ी जा रही है।

मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
इस विवादित एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने दिए हैं। जांच लंभुआ एसडीएम विदुषी सिंह करेंगी।

एसडीएम ने इस मामले में आमजन से साक्ष्य मांगने के लिए गजट जारी किया है। लेकिन अब तक जांच में कोई भी गवाह अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है।

राज्य मानवाधिकार आयोग की दखल
इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी हस्तक्षेप किया है। आयोग ने जिलाधिकारी से 27 सितंबर तक जांच रिपोर्ट मांगी है।

एनकाउंटर स्थल से सबूतों की कमी
एनकाउंटर स्थल से गोली के खोखे और गवाह नहीं मिल सके हैं। यह मामला और भी विवादास्पद बन गया है।

यूपी पुलिस का पक्ष
यूपी पुलिस ने इस मामले में कई वीडियो जारी कर पुलिस एनकाउंटर और डकैती से जुड़े सारे सबूत सामने रख दिए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ जाति-धर्म देखकर कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस की किसी व्यक्ति से कोई रंजिश नहीं होती है और वह अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे।

निष्कर्ष
मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में अब तक कोई भी गवाह सामने नहीं आया है। एसडीएम ने गजट जारी कर आमजन से साक्ष्य मांगे हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी जांच रिपोर्ट मांगी है। एनकाउंटर स्थल से सबूतों की कमी है। यूपी पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि किसी भी आरोपी के खिलाफ जाति-धर्म देखकर कार्रवाई नहीं होती है। इस मामले में अब आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।