उप्र सचिवालय के 60% से अधिक कर्मचारी लेट आते हैं, 30% कर्मचारी बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगाते

लखनऊ 14 सितम्बर:(डेस्क)उत्तर प्रदेश सचिवालय में कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हालिया बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार, 60% से अधिक कर्मचारी निर्धारित समय से देरी से कार्यालय पहुंचते हैं। यह जानकारी इस बात की पुष्टि करती है कि सचिवालय के कर्मचारी सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

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कार्यालय का निर्धारित समय

उत्तर प्रदेश सचिवालय में कर्मचारियों के लिए कार्यालय आने का समय सुबह 9:30 बजे तय किया गया है। हालांकि, कई कर्मचारी 10 बजे के बाद ही कार्यालय पहुंचते हैं। इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो बायोमीट्रिक हाजिरी लगाते हैं।

ग्रेस पीरियड का प्रावधान

कर्मचारियों को सुबह 9:30 बजे ऑफिस पहुंचने का निर्देश दिया गया है, लेकिन उन्हें 20 मिनट का ग्रेस पीरियड भी दिया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई कर्मचारी सुबह 9:50 बजे तक कार्यालय में उपस्थित हो जाता है, तो उसे देरी नहीं माना जाएगा।

आंकड़ों का विश्लेषण

हाल ही में एक शुक्रवार को, बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के आंकड़ों ने स्पष्ट किया कि 62.3% कर्मचारी 10 बजे के बाद कार्यालय पहुंचे। यह स्थिति अन्य दिनों में भी लगभग समान रही है, जो इस बात का संकेत है कि सचिवालय में समय की पाबंदी को लेकर गंभीरता की कमी है।

सरकार के निर्देश

योगी सरकार ने सभी कर्मचारियों को समय पर दफ्तर पहुंचने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद, सचिवालय के अधिकांश कर्मचारी इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक कार्यों में बाधा डाल रही है, बल्कि यह सरकारी कामकाज की प्रभावशीलता को भी प्रभावित कर रही है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई की आवश्यकता

इस प्रकार की देरी से निपटने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। कर्मचारियों को समय पर कार्यालय पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें वेतन में कटौती, अवकाश काटने और अनुशासनात्मक कार्रवाई जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं।