सुलतानपुर समाचार: बिजली कनेक्शन जोड़कर मीटर लगाने का आदेश

सुल्तानपुर 05 सितम्बरः (डेस्क)सुल्तानपुर के गोलाघाट मोहल्ले में स्थित वेदांती आश्रम के महंथ-अध्यक्ष स्वामी मधुसूदनाचार्य ने 28 अक्तूबर 2020 को विद्युत वितरण मंडल मध्यांचल के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में एक परिवाद दायर किया।

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स्वामी मधुसूदनाचार्य ने इस परिवाद में आरोप लगाया कि विद्युत वितरण मंडल द्वारा उनके आश्रम को दी जाने वाली विद्युत आपूर्ति में लगातार समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता अत्यंत खराब हो गई है, जिससे न केवल आश्रम के दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि भक्तों और श्रद्धालुओं को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

आश्रम के महंथ ने बताया कि कई बार विद्युत विभाग को इस समस्या के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि आश्रम में विशेष आयोजनों के दौरान, जैसे कि धार्मिक अनुष्ठान और भजन-कीर्तन, विद्युत आपूर्ति की कमी के कारण भक्तों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।

स्वामी मधुसूदनाचार्य ने यह भी कहा कि विद्युत वितरण मंडल द्वारा उन्हें बार-बार बिल भेजे जाते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें उचित विद्युत आपूर्ति नहीं मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

परिवाद में महंथ ने मांग की है कि विद्युत वितरण मंडल को उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्देशित किया जाए। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता को
सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

स्वामी मधुसूदनाचार्य ने कहा कि वे अपने आश्रम में सभी भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए एक सुखद और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं होता है, तो वे अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर होंगे।

इस परिवाद ने स्थानीय समुदाय में भी चर्चा का विषय बना दिया है। कई भक्त और स्थानीय निवासी स्वामी मधुसूदनाचार्य के समर्थन में खड़े हो गए हैं और उनकी समस्याओं को लेकर विद्युत विभाग के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

स्थानीय लोगों का मानना है कि विद्युत वितरण मंडल को अपने दायित्वों का पालन करते हुए उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि विभाग समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो इससे उपभोक्ताओं का विश्वास उठ सकता है।

स्वामी मधुसूदनाचार्य के इस कदम ने अन्य उपभोक्ताओं को भी प्रेरित किया है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि यह समय है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और विद्युत विभाग से उचित सेवा की मांग करें।

इस मामले में जिला उपभोक्ता आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। आयोग ने इस परिवाद को स्वीकार कर लिया है और सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

स्वामी मधुसूदनाचार्य ने कहा कि वे न्याय की उम्मीद करते हैं और आशा करते हैं कि आयोग उनके परिवाद पर गंभीरता से विचार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे इस मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

इस प्रकार, सुल्तानपुर के गोलाघाट मोहल्ले में वेदांती आश्रम के
महंथ द्वारा दायर किया गया यह परिवाद न केवल आश्रम की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है। अब देखना यह है कि जिला उपभोक्ता आयोग इस मामले में क्या निर्णय लेता है और विद्युत वितरण मंडल अपनी सेवाओं में सुधार के लिए क्या कदम उठाता है।