"सरकार का बड़ा तोहफा: इलेक्ट्रिक वाहनों पर पंजीकरण शुल्क माफ, कीमतों में होगी कमी!"

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लखनऊ 13 अगस्त: (डेस्क)उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें पंजीकरण शुल्क और टैक्स को माफ करने की घोषणा की गई है। यह कदम इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए उठाया गया है और इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।

electric-car-ev-charging-electric-vehicle_3486feda3b4f8a6bb83cd7410f98a08e.jpegImage credit : Amar Ujala

सरकार का बड़ा तोहफा

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ईवी नीति के तहत यह निर्णय लिया है, जिसके अनुसार अब इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह योजना 14 अक्टूबर 2022 से लागू होगी और अगले तीन वर्षों तक जारी रहेगी। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी आएगी, जिससे अधिक लोग इन वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

कीमतों में कमी

इस निर्णय से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी इलेक्ट्रिक कार की कीमत 10 लाख रुपये है, तो पंजीकरण शुल्क माफ होने पर उपभोक्ता को 20,000 से 30,000 रुपये की बचत हो सकती है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने दोपहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी सब्सिडी की घोषणा की है, जिससे इनकी कीमतें और भी कम होंगी।

सब्सिडी की जानकारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये तक की सब्सिडी और चार पहिया वाहनों पर 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत 2 लाख वाहनों को सब्सिडी देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें दोपहिया वाहनों के लिए 100 करोड़ रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता

इस कदम का एक बड़ा उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करना भी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देकर सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह राज्य के पर्यावरणीय स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करेगा।

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

उपभोक्ताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे एक सकारात्मक कदम बताया है। कई लोग इसे एक सुनहरा अवसर मानते हैं, जिससे वे इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ सकते हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि वे पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान देंगे।