पेंटिंग और खेल उपकरणों से बच्चों की पढ़ाई

महाराजगंज 16 सितंबर : (डेस्क) बच्चों को पढ़ाने के लिए कराई गई पेंटिंग, चित्रकारी और उपलब्ध कराए गए खेल उपकरण प्रभावी साबित हो रहे हैं।परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित प्री प्राइमरी बच्चों को भी इस नई शिक्षण विधि से लाभ मिल रहा है।

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महराजगंज के परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की एक नई पहल सफल साबित हो रही है। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों और केंद्रों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए कई रंगीन पेंटिंग और चित्रकारी कराई है। साथ ही, खेल उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।

इन उपायों से शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में काफी मदद मिल रही है। वे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाते हैं और उनमें शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करते हैं। रंगीन दीवारों और खेल उपकरणों से बच्चों का ध्यान आकर्षित होता है और वे स्कूल आने के लिए उत्साहित होते हैं।

शिक्षकों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से बच्चों को पढ़ाना आसान हो गया है और वे अधिक आकर्षित हो रहे हैं। वे बच्चों को अक्षर ज्ञान कराने के साथ-साथ उनमें शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करने में कामयाब हो रहे हैं।

यह पहल न केवल परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए लाभकारी है, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए भी है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जा रहा है और उनमें शिक्षा के प्रति रुचि पैदा की जा रही है।

शिक्षा विभाग ने इस पहल को लेकर कवायद तेज कर दी है। जिले के सभी परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में इस तरह की गतिविधियों को लागू किया जा रहा है। विभाग का मानना है कि इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और वे अपने सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी।

इस पहल से न केवल बच्चों को लाभ मिल रहा है, बल्कि शिक्षकों को भी काफी मदद मिल रही है। वे बच्चों को आकर्षित करने के लिए नई-नई रणनीतियां अपना रहे हैं और उनमें शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करने में कामयाब हो रहे हैं।

कुल मिलाकर, महराजगंज के परिषदीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की पहल बच्चों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है। यह पहल न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने में मदद कर रही है, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास में भी योगदान दे रही है।