पदस्थापना आदेश के लिए भूखे प्यासे बैठे रहे शिक्षक
बरसात में भूखे प्यासे महिला पुरूष शिक्षक सुबह से रात तक बैठे रहे पदस्थापना आदेश के लिए
आदिवासी विभाग की दादागिरी दूसरे जिलों से 5 बार शिक्षको को बुलाकर क्यू नही दे रहे हैं पदस्थापना आदेश दिखे वीडियो
अनूपपुर
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर में 16 और 17 अगस्त को सुबह कार्यालय समय पर 70 से 80 लोगो की भीड़ देखने को मिली जानकारी लेने पर पता चला कि मध्यप्रदेश के कई जिलों से वर्ग- 1 वर्ग- 2 शिक्षक जिनकी नियुक्ति अनूपपुर जिले में हुई थी, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अनूपपुर से इनको किस विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करवाना है, कार्यालय से पदस्थापना आदेश प्राप्त होना था, मगर 16 अगस्त को सुबह से रात 8 बजे तक भूखे प्यासे अपने अपने पदस्थापना आदेश लेने का इंतजार करते बैठे रहे मगर किसी को भी आदेश प्राप्त नही हुआ और थक हारकर कार्यालय से पैदल महिला छोटे छोटे बच्चों, बुजुर्गों के साथ होटल, लाज, रैन बसेरा, स्टेशन मे रात गुजारने की व्यवस्था करने के लिए निकले ज्वाइनिंग करने वालो में महिलाएं भी थी उनके साथ मे उनके पति बच्चे, माता पिता भी साथ मे आये हुए थे सभी लोग काफी परेशान दिखे। बरसात के मौसम में कार्यालय में इतनी जगह नही थी उन सभी को बैठा सके उन लोगो के लिए न बैठने व्यवस्था न पानी की व्यवस्था बरसात होने पर कोई पेड़ के नीचे कोई मंदिर के शेड के नीचे पानी से बचने के लिए मशक्कत करते दिखे उसके बाद भी कार्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों को इन लोगो पर दया नहीं आयी। ये शिक्षक रीवा, सतना, सीधी सिंगरौली, पन्ना व ग्वालियर जिलों से जो 200, 300 और 500 किलोमीटर की दूर है वहाँ से आये हुए है। शिक्षकों के ऊपर आदिवासी विभाग प्रशासन की यह दादागिरी है। शिक्षको को इनके नीचे काम करना है इसलिए कही शिकायत भी नही कर पा रहे हैं। मजबूरी में सब कुछ सहने को तैयार है।
सभी शिक्षकों का वेरिफिकेशन 1 अगस्त 2022 को आदिवासी विभाग अनूपपुर द्वारा करा लिया गया है, उसके बाद विद्यालय में चयन के आधार पर ज्वाइनिंग पत्र जारी करके विद्यालय में ज्वाइन करवाना था जिसकी तारीख 5 अगस्त रखी गयी थी। सभी को पदस्थापना आदेश देने को बुलाया गया था मगर शिक्षकों यह कहकर वापस भेज दिया गया कि अभी कार्यवाही पूरी नही हो पाई है शिक्षकों को फिर 8 अगस्त को बुलाया गया तो फिर से यह बहाना बनाकर वापस कर दिया गया कि अभी कंप्यूटर में सही फीडिंग न होने के खाली जगह का पता नही चल पा रहा है इस कारण पदस्थापना आदेश नही दिया जा सकता, सभी लोग 12 अगस्त को आकर पदस्थापना आदेश ले ले लेकिन 12 को भी सभी शिक्षक थक हारकर वापस चले गए 16 अगस्त को फिर से कार्यालय बुलाया गया सहायक आयुक्त उस दिन कार्यालय नही आये सभी शिक्षक रात 8 बजे तक इंतजार करते रहे, कार्यालय से नया फरमान जारी हुआ और अगली पेशी 17 अगस्त को दी गयी शाम 4 बजे तक सहायक आयुक्त कार्यालय नही आये थे कार्यालय के अंदर बाहर 70 से 80 लोगो की भीड़ लगी हुई थी, अब देखना यह है कि आज आदेश मिलता है या फिर नई पेशी की तारीख जारी होती है। आज नही तो कल प्रशासन को पदस्थापना आदेश तो देना ही पड़ेगा मगर 5 बार बुलाकर शिक्षको को इस तरह बहाने बाजी करके घुमाना समझ से परे है। शिक्षको का समय, धन दोनो बर्बाद हो रहा है परेशानियां भी उठानी पड़ी जिसका जिम्मेदार आदिवासी विभाग है।
सूत्र बताते हैं कि पदस्थापना आदेश देने में जो होता हैं वो पूरा नही हो पा रहा है शिक्षक समझ नही पा रहे है। कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी समझा नही पा रहे हैं कि पदस्थापना आदेश के लिए कौन सा सिस्टम काम करता है उसी वजह से इस तरह का नाटक 5 बार से खेला जा रहा है। अब देखना यह है कि शिक्षक आदिवासी विभाग का सिस्टम कब पूरा कर पाते हैं। दो में से तो एक को झुकना ही पड़ेगा।
इस मामले की जानकारी मैसेज के माध्यम से कलेक्टर मैडम को उनके शासकीय नंबर पर दे दी गयी है।
- इस मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर पी एन चतुर्वेदी, उपायुक्त आदिवासी विभाग संभाग शहडोल ऊषा अजय सिंह को कॉल किया गया मगर रिसीव नही हुआ।*
इनका कहना है
मैं अभी वीसी में हूँ बाद में बात करता हूँ।
सरोधन सिंह अपर कलेक्टर अनूपपुर
शिक्षक का सम्मान जरूरी।
शिक्षकों की आवाज उठाने के लिए अजय जी बहुत बहुत धन्यवाद