एएमयू में सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के तहत वीमेन्स कालिज में कौशल विकास मेले का हुआ आयोजन
अलीगढ़: अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेन्स कॉलेज में सिर्फ किताबें ही नहीं पढ़ाई जाती बल्कि यहां की छात्राएं जीवन के हर क्षेत्र में सफल और कुशल हो सकें, इसके लिए उनके प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाता है। जिसका उदाहरण यह कौशल मेला है। यहां की छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है। मेले में वीमेंस कॉलेज की 120 से अधिक शिक्षिकाएं और 3000 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया और खरीदारी की। जिन्होंने यहां प्रशिक्षण लेने के बाद अपना व्यवसाय शुरू किया है, उन्होंने बताया कि देश के कोने-कोने से छात्राएं यहां शिक्षा के लिए आती हैं और ग्रेजुएशन के बाद प्रशिक्षण लेती हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।यह उद्गार वीमेन्स कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर नईमा खातून ने कौशल मेला के उद्घाटन समारोह के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि यह सदी महिलाओं की सदी है, ऐसे में हमें महिलाओं को सशक्त बनाना है, यह जरूरी भी है ताकि भारत एक विकसित देश बन सके और यह तब तक संभव नहीं है जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त नहीं हो जातीं। उन्होंने कहा कि आर्थिक आत्मनिर्भरता विचार और ताकत ला सकती है जो एक बेहतर समाज के लिए सबसे जरूरी है।
गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेन्स कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग के तहत छात्राओं को रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कोर्स चलाए जाते हैं। जिसके तहत यहां दूसरे कुशल मेले का आयोजन किया गया, जिसमें यहां की छात्राओं ने अपने हाथों से वस्तुएं बनाकर बिक्री के लिए प्रस्तुत किया प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग ने छात्रों को कला और शिल्प, हस्तशिल्प, कपड़ा, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइन सीखने का अवसर दिया है।
अन्य आधुनिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ डिजाइनिंग, सुईवर्क आदि में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित करती है और उन्हें इसके प्रदर्शन और बिक्री के अवसर प्रदान करती है, इससे उनका मनोबल बढ़ता है। कौशल मेले में बीस से ज्यादा स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें फैशन डिजाइनिंग से लेकर इंटीरियर डेकोरेशन और फूड स्टॉल शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह सब महिलाओं को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए सामाजिक विज्ञान विभाग के डीन प्रो. मिर्जा असमर बेग ने कहा कि छात्राओं ने अपने हाथों से इको-फ्रेंडली वस्तुएं बनाकर न केवल खुद को मजबूत बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है, बल्कि एक नई उपलब्धि भी हासिल की है। उन्होंने कहा कि आज उत्पादन इकाइयों को इस पहलू पर विशेष ध्यान देने और शिक्षण संस्थानों में इस विषय पर सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करने की आवश्यकता है।
आईजी हॉल की प्रोवोस्ट प्रोफेसर शौकत हुसैन ने कहा कि यह सेंटर रोजगार की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि कौशल विकास के तहत कोर्स करने वाली लड़कियां खुद दूसरों को रोजगार दे रही हैं।
कौशल मेले में अदीबा सलीम, सनोबर, मैमूना अतहर, यास्मीन तलत, शाजिया फहीम, डॉ. अतिया परवीन और अमरीना यासरा आदि ने अपने उत्पादों का स्टाल लगाया।
मेले में वीमेंस कॉलेज की 120 से अधिक शिक्षिकाएं और 3000 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया और खरीदारी की। जिन्होंने यहां प्रशिक्षण लेने के बाद अपना व्यवसाय शुरू किया है, उन्होंने बताया कि देश के कोने-कोने से छात्राएं यहां शिक्षा के लिए आती हैं और ग्रेजुएशन के बाद प्रशिक्षण लेती हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
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