संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों का होगा कायाकल्प

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image credit :- amar ujala

संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे बेहतर शिक्षा का माहौल तैयार किया जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने 'प्रोजेक्ट अलंकार' योजना के तहत विद्यालयों के लिए वित्तीय सहायता नियमों में बदलाव किया है। पहले, विद्यालय प्रबंधन को नवीनीकरण लागत का 50% वहन करना होता था, लेकिन अब यह केवल 5% होगा।

सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। पहले वर्ष में 28 करोड़ रुपये का अनुदान नहीं लिया गया था, जिससे प्रबंधन समितियों की अनिच्छा बढ़ गई थी। अब, विभिन्न जिलों से 22 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें बस्ती, मुजफ्फरनगर और गोरखपुर शामिल हैं। यह कदम संस्कृत विद्यालयों की संख्या में कमी को रोकने और उनकी स्थिति सुधारने के लिए उठाया गया है

संस्कृत विद्यालयों के कायाकल्प के बाद उनकी स्थिति में सुधार की उम्मीद है। योगी सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के तहत विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं और शिक्षा का माहौल तैयार किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है.

सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच से दस वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन हो, जिससे संस्कृत विद्यालयों की स्थिति में सुधार देखने को मिले.

कायाकल्प के बाद संस्कृत विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार की संभावना है। सरकार ने 'प्रोजेक्ट अलंकार' योजना के तहत विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं और शैक्षणिक माहौल प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।

इस पहल के अंतर्गत, शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकेगी. इसके अलावा, शैक्षणिक अवसंरचना में सुधार और नियमित मूल्यांकन से विद्यार्थियों की प्रगति पर निगरानी रखी जाएगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में सकारात्मक बदलाव आ सकता है.