मॉडरेट एवं सीवियर एनीमिया के सघन चिन्हांकन के लिए कैम्प आयोजित करें

in #district2 years ago

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  • जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में निर्देश

मंडला। जिला योजना भवन में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए नियमित टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एनआरसी, एनीमिया, जननी सुरक्षा योजना, मातृ मृत्यु दर सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि मॉडरेट एवं सीवियर एनीमिया के चिन्हांकन का कार्य गंभीरता से एवं सतत रूप से जारी रखें। उन्होंने सभी बीएमओ को निर्देशित किया कि आगामी 15 दिनों में मॉडरेट एवं सीवियर एनीमिया के सघन रूप से चिन्हांकन के लिए कैम्प आयोजित करें। श्रीमती सिंह ने सीवियर एनीमिया की ब्लॉकवार समीक्षा करते हुए संबंधित बीएमओ से जानकारी ली। बैठक में सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्वेता तड़वे सहित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने बैठक में मातृ स्वास्थ्य की ब्लॉकवार समीक्षा करते हुए बिछिया विकासखंड को प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की विस्तृत समीक्षा करते हुए लक्ष्य एवं उपलब्धि के बारे में जानकारी ली। श्रीमती सिंह ने कहा कि एएनसी रजिस्ट्रेशन की आरसीएच पोर्टल में व्यवस्थित एंट्री कराएं। उन्होंने मंडला शहरी क्षेत्र में कम एएनसी रजिस्ट्रेशन पर नाराजगी जाहिर की तथा निर्देशित किया कि कम प्रगति वाले क्षेत्रों में आशा एवं एएनएम की बैठकें आयोजित कर फॉलोअप कराएं। साथ ही डाटा एंट्री भी सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कम एएनसी रजिस्ट्रेशन वाले बीएमओ एवं सीडीपीओ को नोटिस जारी करें। उन्होंने बॉटम-5 प्रगति वाली एएनएम को भी नोटिस देने के निर्देश दिए।

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श्रीमती सिंह ने संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुए कहा कि जननी सुरक्षा योजना से संबंधित भुगतान सुनिश्चित करें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना का भुगतान 95 प्रतिशत से कम नहीं रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में बीएमओ नैनपुर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मातृ मृत्यु दर की समीक्षा की। उन्होंने कम्यूनिटी डेथ, फेसिलिटी डेथ, डेथ ऑडिट की भी आंकड़ेवार जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती माताओं का एचआरपीडब्ल्यू जांच कराएं। पूर्ण टीकाकरण की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि सभी वनग्राम एवं बैगा क्षेत्रों में टीकाकरण का कार्य मिशन मोड पर करें। कोई भी माता एवं शिशु जरूरी टीके से वंचित न रहे। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग आपसी समन्वय के साथ करें। प्रत्येक गंभीर कुपोषित बच्चे को अनिवार्य रूप से एनआरसी में भर्ती कराएं तथा उनका रेगुलर फालोअप भी करें। इसके साथ ही गंभीर एनीमिक बच्चों का अनिवार्य रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाए।

बैठक में उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन के साथ-साथ रेगुलर टीकाकरण अभियान की सतत रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही नवजात शिशु की गहन चिकित्सा की भी समीक्षा की गई। उन्होंने सभी बीएमओ को निर्देशित किया कि गंभीर रूप से अस्वस्थ बच्चों को समयपूर्व रिफर करें। उन्होंने कहा कि एसएनसीयू से निकलने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए पंचायतों में रजिस्ट्रेशन संधारित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने दस्तक अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले को प्रदेशवार रैंकिंग में शीर्ष 10 में शामिल करें। उन्होंने सीएमएचओ को दस्तक अभियान को प्रभावशील बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान किए गए सर्वे एवं आवश्यक जानकारी की अनिवार्यत: डाटा एंट्री सुनिश्चित कराएं। बैठक में कलेक्टर ने कायाकल्प योजना के तहत जिला चिकित्सालय सहित शासकीय अस्पतालों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। कायाकल्प और एनक्वास के लिए चिन्हित संस्था प्रभारी प्रति सप्ताह रिपोर्ट टीएल बैठक में प्रस्तुत करें और सीएमएचओ इसकी निगरानी करें। एनसीडी की समीक्षा करते हुए कलेक्टर द्वारा 30 से अधिक उम्र के लोगों की कम रजिस्ट्रेशन और जांच पर गहन नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने सीएमएचओ को नोडल अधिकारी सहित इस कार्य में संलग्न सभी अधिकारी और कर्मचारी के वेतन रोकने के निर्देश दिए। बैठक में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निराकरण के निर्देश भी दिए।

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Bahut acchi karya yojana hai isase aam Janata ko bahut hi अच्छी-अच्छी suvidha milengi