यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से साक्षात्कार

in #dipticm2 years ago

utatara-parathasha-ka-upamakhayamatara-brajasha-pathaka_1649422665.jpegउत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। चर्चा की वजह कुछ खास नहीं बल्कि उनकी अस्पतालों में औचक छापेमारी और बगैर लाव लश्कर के लाइन में लगकर यूपी के अस्पतालों की दशा देखना है। वह कल दिल्ली में थे। इस दौरान अमर उजाला डॉट कॉम के आशीष तिवारी ने उनसे बात की और अगले सौ दिनों के मुख्यमंत्री के मेगा प्लान समेत कई मुद्दों पर बातचीत की।
सवाल: आप तो एकदम फॉर्म में आ गए हैं। बगैर बताए अस्पतालों में मरीजों की लाइन में लग गए। अस्पतालों में क्या सब ठीकठाक मिला?
जवाब: सच्चाई ऐसे ही पता चलती है। अपनी गर्दन बचाने को हर जिम्मेदार अधिकारी मंत्री को यही बताएगा सब ठीक है। लेकिन जब आप मैदान में उतरते हैं तो हकीकत अलग होती है। वही देखने के लिए गए थे हम। बस हमारी सरकार को मरीजों के इलाज में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं। जो लापरवाही करेगा उसके खिलाफ एक्शन होगा ही।
सवाल: सुना है आपको भी फोन पर यूपी के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में अपॉइंटमेंट नहीं मिला। मरीजों को तो महीनों लंबी तारीख मिल रही थी।
जवाब: सब मिलने लगा है। आप फोन लगा कर चेक कर लीजिए। मैंने सभी जिम्मेदारों को आदेश दिए हैं कि मरीजों की वेटिंग खत्म हो। जांच से लेकर इलाज में देरी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। जहां जहां मैं गया हूं अगर वहां पर मरीजों को इलाज में इंतजार से लेकर उनके लिए व्हीलचेयर और स्ट्रेचर जैसी सामान्य समस्याएं अगर दोबारा सामने आईं तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।सवाल: अभी तो आपके औचक निरीक्षण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही चल रहे हैं। क्या यह और दूरदराज के शहरों गांव तहसील और कस्बों में भी होंगे।
जवाब: हमारी पूरी योजना तैयार है। हम कहां और कब जाएंगे वह आपसे हम साझा नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगले कुछ दिनों में ऐसे ही और औचक निरीक्षण आप को न सिर्फ दिखेंगे, बल्कि उनका असर भी दिखेगा।
सवाल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौ दिन का पहला टारगेट सभी विभागों को दिया है। इन 100 दिनों में आपके क्या लक्ष्य हैं?
जवाब: कोविड के बाद राज्य सरकार की ओर से अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में जो व्यवस्थाएं की जानी थीं, वह हो गई हैं। ऐसे अस्पतालों की पूरी डिटेल तैयार करना और इस महामारी के दौरान अस्पतालों में पाई गई कमियों को दूर करने का जो प्लान था। उसमें अभी क्या-क्या और दुरुस्त करना है, उसको अगले 100 दिन के भीतर पूरा प्लान तैयार करा लिया जाएगा।
सवाल: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सोशल मीडिया पर आपकी ओर से लोगों की मदद के लिए किए गए कामों का लोग खूब जिक्र कर रहे हैं। जबकि आपके पास उस वक्त चिकित्सा और स्वास्थ्य जैसा महकमा भी नहीं था।जवाब: मैं छात्र राजनीति से निकल कर आया हूं। इसलिए उत्तर प्रदेश के ज्यादातर लोगों के पास मेरा नंबर है। जो जब चाहता है सीधे मिला देता है। अब कोई अगर परेशान है तो उसकी मदद करनी ही करनी है। मंत्रालय मेरा हो या न हो। यही हमारी सरकार की नीति भी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश भी।
सवाल: एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिकल की भर्तियां और प्रमोशन की तैयारी भी है?
जवाब: सरकार बनने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि सभी विभाग अपने महकमों के खाली पदों की सूची तैयार करें। क्योंकि अस्पताल और चिकित्सा व्यवस्था तो सरकार की प्राथमिकता में हैं। इसलिए डॉक्टरों के रिक्त पद भी भरे जाएंगे और मरीजों का बेहतर इलाज भी होगा।
सवाल: उत्तर प्रदेश में एक साथ कई बहुत सारे मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं, उनमें से कुछ का शिलान्यास भी हो चुका है। कब तक यह मेडिकल कॉलेज खुल कर तैयार हो जाएंगे।
जवाब: कई जगह तो मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं। कई जगहों पर अगले कुछ महीनों में खुल जाएंगे। आप देखिएगा...चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य में उत्तर प्रदेश के लिए जो विजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, वह पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनेगा। पूरे देश में सबसे ज्यादा मेडिकल कॉलेज वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश बनेगा।
सवाल: आप इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में कानून मंत्री थे। लखनऊ से आपकी सीट बदल कर आपको कैंट से लड़ाया गया। आप जब दोबारा जीते तो क्या इस बात का अनुमान था कि आपको उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
जवाब: नहीं। बिल्कुल नहीं पता था। इस बात का बिल्कुल अहसास नहीं था कि उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर पार्टी मुझे बिठाएगी। लेकिन मैं एक बात आप के माध्यम से उत्तर प्रदेश के लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं जितना पहले सुलभ था आज भी उतना ही हूं। प्रदेश का कोई भी व्यक्ति मुझसे कभी भी संपर्क कर सकता है, मिल सकता है। अपनी तकलीफ बता सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार और उसका हर जिम्मेदार मंत्री प्रदेश के एक-एक व्यक्ति की सेवा के लिए लगे हुए हैं।