हर हर महादेव से आज गूंजेंगे शिवालय

in #dindori2 years ago

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डिंडौरी।
सावन माह के पहले सोमवार के दिन आज सुबह से ही भगवान शिव के मंदिरों में हर हर महादेव के जयघोष गूंजेंगे। मां नर्मदा नदी में डुबकी लगाकर श्रद्घालु भगवान शिव का अभिषेक करेंगे। जिला मुख्यालय सहित जनपद मुख्यालय बजाग, करंजिया, समनापुर, अमरपुर, मेहंदवानी, शहपुरा व ग्रामीण अंचलों में भी शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। ऐतिहासिक ऋ ण मुक्तेश्वर मंदिर कुकर्रामठ में आसपास के जिले से भी श्रद्घालु पूजा अर्चना करने पहुंचेंगे। सावन माह के सोमवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्घालुओं का आना होता है। गौरतलब है कि 10वी शताब्दी में एक बंजारे ने कुत्ते की याद में भगवान शिव के भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर के निर्माण को लेकर अन्य कई कहानियां भी प्रचलित हैं।

ऋ ण से मुक्ति दिलाने के नाम से है प्रसिद्घ

ऋ ण मुक्तेश्वर मंदिर लोगों को पित्र, गुरु और देव ऋणों से मुक्ति दिलाने के नाम पर देश भर में प्रसिद्घ है। यहां पहुंचकर बिना भगवान शिव के दर्शन किए मां नर्मदा की परिक्रमा भी पूरी नहीं मानी जाती। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम कुकर्रामठ स्थित भगवान शिव के ऋ ण मुक्तेश्वर मंदिर का निर्माण कल्चुरी शासन काल में माना जाता है। आस्था का प्रतीक यह मंदिर वर्ष 1958 से पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। मंदिर निर्माण के पीछे वफादार कुत्ता और बंजारा के बारे में भी मान्यता है।

साहूकार के पास गिरवी रखा था बंजारे ने कुत्ता

मंदिर निर्माण को लेकर मत है कि एक बंजारे को पैसे कि बहुत आवश्यकता होने पर उसने साहूकार के पास अपने वफादार कुत्ते को गिरवी रख दिया था। साहूकार के घर में जब चोरी हुई तो कुत्ता सब चुपचाप देखता रहा। चोर जब बाहर निकल गए तो कुत्ता भी उनके पीछे पीछे गया और चोरों ने सारा चोरी का माल तालाब के अंदर छुपाया है यह देख लिया। सुबह जब साहूकार को पता चला कि उसके घर चोरी हो गई है तो कुत्ता साहूकार के पास जाकर भोंकने लगा और उसकी धोती पकड़कर तालाब के पास ले गया और छुपाये गये चोरी के माल को निकालकर सबके सामने रख दिया।

कुत्ते की प्रतिमा बचाने बंद कमरे में रखा

मान्यता है कि चोरी गया पूरा माल मिल जाने पर साहूकार ने खुश होकर स्वान को ऋ ण मुक्त कर दिया और ऋ ण मुक्ति का पत्र लिखकर उसके गले में टांगकर पुराने मालिक के पास जाने के लिये कह दिया।बताया गया कि बंजारा को कुत्ता रास्ते में ही मिल गया। बंजारा यह समझा कि स्वान साहूकार के पास से भाग आया है। यह सोचकर उसने स्वान पर ऐसा प्रहार किया कि स्वान मर गया। जब बंजारे कि नजर कुत्ते के गले में बंधे ऋ ण मुक्ति पत्र पर पड़ी तो वह रोने लगा और उसकी स्मृति में मठ का निर्माण करा दिया। मंदिर के पास में ही कुत्ते की मूर्ति का निर्माण करवाया गया था। लोगों का मानना है कि कुत्ते के काटने पर इस प्रतिमा के पत्थर को घिसकर पिलाने से कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है। लोगों द्वारा लगातार कुत्ते की प्रतिमा को तोड़ तोड़ कर ले जाया जा रहा था। प्रतिमा को बचाने के लिए पुरातत्व विभाग ने कुत्ते की मूर्ति को अंदर कमरे में रख दिया है।

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